हिंदूस्तान हम से माफ़ी मांगे : रहमान मलिक

* सुरजीत सिंह को जासूसी के लिए रवाना करने पर पाकिस्तान का रद्द-ए-अमल
ईस्लामाबाद । आतंकवादी जेबिह‌ उद्दीन अंसारी की तरफ‌ से पाकिस्तानी सरज़मीन से मुंबई पर हमले करने के लिए खु़फ़ीया मुहिम चलाने के दावे के चंद दिनों बाद पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने आज हिंदूस्तान से मुतालिबा किया कि वो सुरजीत सिंह को पाकिस्तान में जासूसी के लिए रवाना करने पर हम से माफ़ी मांगे ।

लंदन में प्रैस कान्फ़्रैंस से बातचित‌ करते हुए रहमान मलिक ने ये मुतालिबा किया पाकिस्तानी मीडीया ने इस की रिपोर्ट दी है । पाकिस्तानी रेडीयो ने ये ख़बर जारी की है कि रहमान मलिक ने हिंदूस्तान से मुतालिबा किया है कि वो पाकिस्तान में जासूसी करने के लिए सुरजीत सिंह को रवाना करने पर माफ़ी मांगे ।

सुरजीत सिंह को पिछ्ले हफ़्ते ही जेल से रहा कर दिया गया है । 1985 में जासूसी के लिए उन्हें गिरफ़्तार करने के बाद पाकिस्तानी जेल में रखा गया था जहां उन्हों ने अपनी उम्र क़ैद की सज़ा पूरी की थी । अगरचेकि सिंह को सज़ा ए मौत दी गई थी लेकिन 1989 में पाकिस्तानी राष्ट्रपती ने उन की सज़ा ए मौत को उम्र क़ैद में बदल दिया था । वो लगभग‌ 3 दहों से जेल में थे । अपनी प्रैस कान्फ़्रैंस के दौरान गृह मंत्री रहमान मलिक ने हिंदुस्तान के गृह मंत्री पी चिदम़्बरम समेत‌ हिंदूस्तानी ओहदेदारों के इस ख़्याल को र‌द कर दिया कि 2008 मुंबई हमलों के लिए कराची में एक कंट्रोल रुम क़ायम करते हुए आतंकवादीयों ने मंसूबे बनाए थे ।

उन्हों ने कहा कि अंसारी उर्फ़ अबू जिन्दाल समेत‌ 3 हिंदूस्तानी शहरी इन हमलों में शामिल‌ हैं । उन्हों ने दावा किया कि कराची तशद्दुद में दुसरे मुल्क कि इंटलीजन्स एजेंसीयां लिपीत‌ हैं ताकि इस पाकिस्तानी मालीयाती शहर में अमन को खतम‌ किया जाए ।

मलिक ने कहा कि हिंदूस्तान को ये बताना चाहिये कि आख़िर इस ने पाकिस्तान को कितने इंतहापसंद रवाना किए । जेबिह‌ उद्दीन अंसारी को हाल ही में दिल्ली में सऊदी अरब से निकलने के बाद गिरफ़्तार किया गया था । हिंदूस्तानी ओहदेदारों का कहना है कि अंसारी पाकिस्तानी पासपोर्ट पर सफ़र कर रहा था । हिंदूस्तान ने पाकिस्तान पर इल्ज़ाम लगाया था कि मुंबई आतंकवादी हमलों के पीछे उसी का हाथ है। अबू जिन्दाल ने हिंदूस्तानी जांच एजेंसीयों की पूछताछ के दौरान ये इन्किशाफ़ किया था कि 26/11 हमलों का मंसूबा बनाने के कंट्रोल रुम में जमात-उल-दावत के सदर हाफ़िज़ मुहम्मद सईद भी थे।