न्यूयार्क, 2 फेब्रुवारी (पी टी आई) हिंदूस्तान को ख़वातीन के ख़िलाफ़ जिन्सी तशद्दुद के वाक़ियात पर क़ाबू पाने में नाकामी और हक़ आज़ादी -ए-इज़हार-ए-ख़्याल पर तहदीदात आइद करने पर आलमी हुक़ूक़ ग्रुप हियूमन राईट्स वाच (एच आर डब्लयू) की जानिब से मौरिद इल्ज़ाम ठहराया गया है, जिस ने कहा कि ये मुल्क में इंसानी हुक़ूक़ के नुमायां मसाइल बदस्तूर मौजूद हैं।
इस शहर में क़ायम राईट्स ग्रुप ने हिंदूस्तान में हुक़ूक़ के इस्तिहसाल पर अपने जायज़े में कहा कि हिंदूस्तान एक फलता फूलता शहरी समाज, आज़ाद मीडीया और आज़ादाना अदलिया का हामिल है। ताहम इस ने मज़ीद कहा कि लेकिन देरीना मुख़ासिमाना रिवाज, करप्शन, और मृतकबीन के लिए जवाबदेही का फ़ुक़दान इंसानी हुक़ूक़ की ख़िलाफ़ अरज़ीयों के मूजिब बनते हैं।
अपनी 665 सफ़हात की वर्ल्ड रिपोर्ट 2013में हियूमन राईट्स ने कहा कि हुकूमती इक़दामात बिशमोल पुलिस इस्लाहात और निगहदाशत सेहत और तालीम तक बेहतर रसाई नाक़िस अमल आवरी के सबब नाकाम होजाते हैं। एच आर डब्लयू ने कहा कि कई ख़वातीन, दलित, क़बाइली बिरादरीयां, मज़हबी अक़ल्लीयतें, माज़ूर अफ़राद और जिन्सी और जिन्स पर मबनी अक़ल्लीयतें हनूज़ हाशिया पर हैं और इमतियाज़ी बरता रोकने में सरकारी ओहदेदारों को तर्बीयत देने में हुकूमती नाकामी की वजह से बदस्तूर इमतियाज़ीत का शिकार हो रहे हैं।
ग्रुप ने ख़वातीन के ख़िलाफ़ तशद्दुद के मसले से निमटने के तरीका-ए-कार पर तन्क़ीद की और कहा कि ख़वातीन और लड़कीयों के ख़िलाफ़ तशद्दुद के वाक़ियात 2012 में भी जारी रहे।