चेन्नई: चेन्नई में बारिश और सेलाब के बाइस यहां के क़दीम तरीन अंग्रेज़ी रोज़नामा दी हिंदू की 137 साल में पहली मर्तबा इशात नहीं होपाई है। ये अख़बार 1878-ए-से मुसलसल शाय होता आरहा है लेकिन चहारशंबे को मुलाज़मीन बारिश के बाइस प्रेस नहीं पहूंच सके। अख़बार के पबलीशर एन मुरली ने कहा कि ऐसा पहली मर्तबा हुआ है।
बारिश की वजह से परवाज़ें और ट्रेंस जहां मुअत्तल कर दी गई हैं वहीं बर्क़ी सरबराही भी मुनक़ते है। दी हिंदू का हेडक्वार्टर चेन्नई में वाक़्य है और ये 17 दीगर शहरों से भी शाय होता है। मुरली ने कहा कि हमारा मुरई मिलाई नगर टान शिप में जहां प्लांट वाक़्य है , अवाम की रसाई नामुमकिन हो गई थी और हमारा स्टाफ़ भी वहां नहीं पहुंच सका।
ये प्लांट मुरई मिलाई नगर टाउन शिप से 30 कीलोमीटर दूर वाक़्य है। प्रिंटिंग प्रेस प्लांट इस क़दर बड़ा है कि हमें उसे शहर के बाहर क़ायम करना पड़ा। अगर अख़बार की इशात हो जाती तो इस की तक़सीम मुम्किन नहीं थी। शहर से शाय होने वाले दीगर अख़बारात जैसे टाइम्स आफ़ इंडिया , दक्कन क्रोनीकल और न्यू इंडियन ऐक्सप्रेस की इशात अमल में आई लेकिन ये वाज़िह नहीं हो सका कि ये अख़बारात क़ारईन तक पहुंच सका या नहीं।