हिंदू घटेगा तो लोकतंत्र पर खतरा बढ़ेगा, यूनिफॉर्म सिविल कोड जरूरी : सुब्रमण्यम स्वामी

नई दिल्ली: बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने यूनिफार्म सिविल कोड की जरूरत के मुद्दे पर आयोजित एक सेमिनार में कहा कि भारत में लोकतंत्र तभी तक सुरक्षित है जब तक यहां हिंदुओं की 80 फीसदी आबादी है. उन्होंने आगे कहा कि देश में हिंदुओं के घटने से लोकतंत्र पर खतरा बढ़ जाएगा. इसलिए आबादी को काबू में रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.  यूनिफार्म सिविल कोड पर स्वामी ने कहा कि मैं जितना पीएम मोदी को जानता हूं, वो इसे पूरा करके जाएंगे नहीं, फिर वापस आएंगे. उन्होंने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड लागू करना तो हमारे घोषणापत्र में लिखा है. उन्होंने कहा कि यूनिफार्म सिविल कोड को लागू करने में मोदी सरकार के दो साल तो चले गए, लेकिन तीन साल अब भी बाकी हैं.

डॉ. स्वामी ने कहा कि संविधान में सबको धर्म प्रचार की छूट है पर इसके साथ शर्तें भी हैं. मुस्लिमों में वहाबी सुन्नी यूनिफार्म सिविल कोड के खिलाफ हैं. वहीं शिया, बरेलवी और बोहरा समुदायों को इससे कोई ऐतराज नहीं है. मुस्लिम क्यों मांग नही करते कि क्रिमिनल लॉ के तहत मुसलमानों को अपराध की सजा भी शरिया के मुताबिक दी जाए. डॉ. स्वामी ने कहा कि हमारे पुरखों का ही डीएनए मुसलमानों में भी है. मुसलमानों का डीएनए टेस्ट इस बात को साबित करता है. यूपी का टैक्सीवाला हो या मनसे का राज ठाकरे इन सबका डीएनए एक ही है. उन्होंने नेहरू परिवार में किसी के भी ग्रेजुएट नहीं होने की बता कही. स्वामी ने कहा कि कांग्रेस ने इतने पढ़े-लिखे अंबेडकर को तो भीमराव कहा और जवाहरलाल को पंडित जी.