नई दिल्ली 7 फरवरी- हिंदू दहश्तगर्दी के हवाले से बयान देने वाले वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे के तेवर बजट सेशन शुरू होने से पहले ढीले पड़ गए हैं. उन्हों ने पहले दिए बयान से पलटते हुए आज कहा कि दहश्तगर्दी का कोई मज़हब या रंग नहीं होता है. शिंदे ने सहाफ़ीयों से बातचीत में कहा, में कांग्रेस पार्टी के इस रुख़ की मुकम्मल तौर पर हिमायत करता हूँ कि दहश्तगर्दी का ताल्लुक़ किसी मज़हब या रंग से नहीं है।
वाजेह रहे के शिंदे ने गुज़श्ता माह जयपुर चिंतन कैंप में कहा था बी जे पी और संघ के कैम्पों में हिंदू दहश्तगर्दी की तर्बीयत दी जा रही है और समझौता ऐक्सप्रैस, मक्का मस्जिद और मालिगांव धमाकों के पीछे संघ का हाथ होने के सबूत मिले हैं. वज़ीर-ए-दाख़िला के इसी बयान से नाराज़ बी जे पी ने पार्लीयामेंट में कांग्रेस को को घेरने के साथ ही शिंदे के बाईकॉट का ऐलान भी किया है. पार्लीयामेंट में अहम बिलों पर बी जे पी की हिमायत की आस लगाए बैठी हुकूमत के लिए अपोजीशन के ये तेवर भारी पड़ सकते हैं।
वज़ीर-ए-दाख़िला शिंदे के क़रीबी ज़राए ने बताया कि वो गुज़श्ता माह जयपुर में हुए कांग्रेस के चितन कैंप में हिंदू दहश्तगर्दी का लफ़्ज़ नहीं बोलना चाहते थे, लेकिन उन की ज़बान फिसल गई. वज़ीर-ए-दाख़िला की ताज़ा सफ़ाई को बी जे पी को मुतमइन करने और पार्लीयामेंट में हुकूमत को शरमिंदगी से बचाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है(एजेंसी)