हिंदू राष्ट्र की तामीर के लिए तारीख़ी हक़ायक़ मसख़ और नफ़रत अंगेज़ मुहिम

मुंबई: नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी एनसीपी के सरबराह शरद पवार ने आज ये इल्ज़ाम आइद किया कि स्कूल के तालीमी निसाब में तारीख़ को मसख़ करते हुए हिन्दुस्तान को हिंदू राष़्ट्र बनाने की मुनज़्ज़म कोशिश की जा रही है और मौरर्ख़ीन पर-ज़ोर दिया कि नई नसल को हक़ायक़ से वाक़िफ़ करवाने के लिए मुत्तहिद होजाएं।

वाई बी चौहान मैमोरियल लेकचर के मौक़े पर मुख़ातिब करते हुए शरद पवार ने कहा कि बाज़ लोग तालीमी निसाब में तारीख़ को मसख़ करते हुए हिन्दुस्तान को हिंदू राष़्ट्र में तबदील करने के मक़सद से काम कर रहे हैं। जिसके बाइस मुल्क के सेक्युलर ताने जाने को ख़तरा लाहक़ हो गया है।

उन्होंने कहा कि नौजवानों में ये शऊर बेदार करने की ज़रूरत है कि बाज़ लोग समाज में नफ़रत का ज़हर फैलाकर ज़हनों को परागंदा करने की कोशिश में हैं। इस मसले पर मज़ामीन तहरीर किए जाएं और मबाहिस करवाए जाएं क्योंकि एक संगीन मामला बन गया। एनसीपी लीडर ने कहा कि बाज़ लोग ये गुमराह कुन इत्तेलाआत फैला रहे है कि शिवा जी महाराज , मुस्लिम दुश्मन थे जबकि हक़ीक़त ये थी कि शिवा जी की फ़ौज में मुसलमानों को अहम ओहदों पर फ़ाइज़ किया गया था।

इस तरह की गुमराह कुण और नफ़रतअंगेज़ इत्तेलाआत सेक्युलरिज़म और क़ौमी यकजहती के हक़ में बेहतर साबित नहीं होगी और मौजूदा माहौल का मुक़ाबला करने के लिए मौरर्ख़ीन को यकजा होजाना चाहिए और वक़तन फ़वक़तन मुलाक़ातें करते हुए हक़-बयानी पेश करें। ताकि अवाम को असल तारीख़ से आगाह किया जा सके।

शरद पवार ने कहा कि अगर बदक़माश अनासिर अपनी घिनौनी साज़िश में कामयाब हो गए तो हम नई नसल को क्या सिखाएँगे और मस्ख़शुदा तारीख़ को दुरुस्त और सही करने के लिए मुनज़्ज़म तरीका-ए-कार या एक इदारा क़ायम किया जाये। उन्होंने ये भी कहा है कि हक़गोई पेश करने वालों को मुम्किना इआनत के लिए तैयार हैं।

साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर ने कहा कि 20 बड़े तहक़ीक़ाती इदारों नहरू साईंस सेंटर और वाई बी चौहान सेंटर के ट्रस्टी हैं और मौरर्ख़ीन यहां की सहूलयात से इस्तिफ़ादा कर सकते हैं और सेक्युलर इक़दार पर मुश्तमिल तसानीफ़ की इशाअत और तक़सीम की ज़िम्मेदारी अदा कर सकते हैं ताकि फ़िर्ख़ाप‌रस्त ताक़तों के अज़ाइम को नाकाम बनाया जा सके। शरद पवार ने कहा कि वाई बी चौहान सेंटर में एक अलाहदा शोबा तारीख़ क़ायम किया जाएगा। जहां पर मौरर्ख़ीन समीना रस और मुज़ाकरे मुनाक़िद कर सकते हैं|