गुजरात: गांधीनगर में नवरात्रों में चल रहे गरबा प्रोगाम में हिंदू संगठन विहिप और बजरंग दल के लोग गैर-हिंदुओं को इन जगहों से दूर रखने के लिए लोगों पर गोमूत्र छिड़कने जैसे हथकंडे अपना रहे हैं जिसका विरोध करते हुए देवदत्तसिंह रावल ने उन पर हमला बोला है। देवदतसिंह का कहना है कि वह हिन्दू है या मुसलमान ये साबित करने के लिए उन्हें बजरंग दल के ऐसे भद्दी चालों का शिकार होने की जरूरत नहीं है।
नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक गांधीनगर सेक्टर 11 में नवरात्रि पर गरबा आयोजन में शामिल होने जा रहे आईटी कंपनी में करने वाले देवदतसिंह बजरंग दल के लोगों को सबक सिखाने के लिए पुलिस बुला ली थी। देवदतसिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि मैं एक हिन्दू हूँ ये मैं किसी को साबित करना जरूरी नहीं समझता और खासकर खुद को हिंदू समुदाय का ठेकेदार समझने वाले इस तरह के हिंदू संगठनों को तो बिल्कुल नहीं। उनका ऐसी गिरी हुई हरकतों को अंजाम देना सहिष्णुता की आखिरी हद पार करने जैसा है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि वह लोगों को एक सन्देश देकर जागरूक करना चाहते थे किअब समय आ गया है कि लोग ऐसे कट्टर हिंदुत्ववादी संगठनों को सबक सिखाया जाए जो लोगों के बीच डर पैदा कर अपनी रोटी सेंक रहे हैं।
देवदतसिंह ने बताया कि जब हम बुधवार को रात 9 बजे हमने सेक्टर 11 में हो रहे गरबा आयोजन में गए तो मेरे साथ मेरी पत्नी और मेरा साला भी था और जब हम लोग अंदर जाने लगे तो तो केसरिया रंग के कपडे पहने और हाथ में चाक़ू पकडे कुछ लोग हम पर आकर गोमूत्र छिड़कने लगे। जब मैंने उन्हें ऐसा करने से मना किया तो वह हमें धमकाने लगे। मामला जब बढ़ता गया तो मेरी पत्नी ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की लेकिन उन लोगों ने उसके साथ भी दुर्व्यवहार किया। इसके बाद मैंने पुलिस बुलाई।
मैंने सोचा कि मेरा देश मुझे अपने धर्म और धार्मिक रिवाजों का अपने तरीके से पालन करने का अधिकार देता है जिसके लिए मुझे लड़ना चाहिए। उनके खिलाफ कदम उठाना जरूरी था आज मैंने शुरुआत की है कल दूसरे लोग कर सकते हैं। इस तरह के गुंडों से इसी तरीके से लड़ा जा सकता है। माथे पर तिलक लगाने या गोमूत्र छिड़कने से कोई हिंदू नहीं हो जाता है। धर्म के ये ठेकेदार लोगों में डर पैदा करना चाहते थे जोकि बिल्कुल भी सही नहीं है।