हिंद – अमरीका – जापान सहि रुख़ी मुज़ाकरात जारीया साल के इख़तताम तक

वाशिंगटन 06 नवंबर (पी टी आई) अमरीका , हिंदूस्तान और जापान के माबैन सहि रुख़ी बातचीत के लिए जारीया साल के अवाख़िर को साज़गार तसव्वुर किया जा रहा है, जहां इलाक़ाई मुआमलात ज़ेर-ए-बहस आने की पूरी तवक़्क़ो है।

ओबामा इंतिज़ामीया का कहना है कि आज हिंदूस्तान एशिया में एक उभरती हुई मईशत है और एहमीयत के हामिल मुआमलात में मुज़ाकरात के लिए हिंदूस्तान की शमूलीयत अशद ज़रूरी है।

दरीं असना अमरीकी स्टेट डिपार्टमैंट ने अपनी रोज़मर्रा की प्रॆस कान्फ़्रैंस के दौरान इस्तिफ़सार किए जाने पर कहा कि अहम तरीन इलाक़ाई मसाइल पर बातचीत के लिए हिंदूस्तानी और जापानी हुकूमतों से मुसलसल रब्त रखा गया है ताकि क़तई तारीख़ का फ़ैसला जारीया साल के इख़तताम से क़बल करलिया जायॆ।

क़ब्लअज़ीं डिप्टी सैक्रेटरी आफ़ स्टेट विलियम बुर्नुस ने भी तीनों ममालिक के माबैन बातचीत की एहमीयत पर ज़ोर दिया था। उन्हों ने कहा कि मशरिक़ी एशिया में हिंदूस्तान मआशी और सक़ाफ़्ती तौर पर एक ताक़तवर मुलक है और इस ने अपनी आलमी सतह पर मौजूदगी का एहसास दिलाया ही। यही नहीं बल्कि हिंदूस्तान ने अपने दीगर इश्तिराकी ममालिक जापान , जुनूबी कोरिया , आस्ट्रेलिया , सिंगापुर, इंडोनेशिया और वैतनाम के साथ मआशी मुआहिदों और स्कियोरटी निज़ाम का एक वसीअ तर नैटवर्क भी तैयार किया है।

उन्होंने कहा कि मशरिक़ वुसता और पाकिस्तान के सयासी हालात भी गुफ़्तगु का मौज़ू बन सकते हैं। ड्रोन हमलों के बारे में पाकिस्तान ने जिन ख़दशात का इज़हार किया है , उन्हें भी पूरी तरह से दूर करने अमरीका अपनी तमाम तर कोशिशों को बरुए कार लाएगा, लिहाज़ा अगर तारीख़ का ताय्युन होगया तो ये सहि रुख़ी मुज़ाकरात समर आवर साबित होंगी।