नई दिल्ली: भारत और अमेरिका ने व्यापार वार्ता के जरिए आपसी व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया। दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक संबंध ही कारण दोनों के बीच साझेदारी की प्रवृत्ति प्रबल होता जा रहा है। विश्व अर्थव्यवस्था, द्विपक्षीय व्यापार के अलावा भारत अमेरिका के बीच अन्य क्षेत्रों में अधिक से अधिक भागीदारी पर ध्यान देते हुए आपसी निवेश प्रवाह बढ़ाने पर भी ध्यान दिया गया। पिछले दो साल के दौरान इस निवेश में वृद्धि हुई है। दूसरे भारत। अमेरिका स्टेटरजिक एंड कमर्शियल बातचीत के बाद संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार से सरकार के संपर्क में सुधार हुआ है। आर्थिक और वाणिज्यिक खिताब पर दोनों ओर की सरकारों ने पिछले साल अच्छा काम किया है। उनकी बातचीत के जरिए संस्थागत बाधाओं को दूर करे और अपने परियोजनाओं का दोहन की राहें विशाल कर ली गई हैं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राज्य मंत्री वाणिज्य एवं उद्योग निर्मला सीता रामन के संयुक्त नेतृत्व में अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट जॉन एफ केरी और अमेरिकी सचिव वाणिज्य पैसा परटीज़कर के साथ बातचीत की गई। छोटे और मध्यम उद्योगों के महत्व को स्वीकार करते हुए इससे उत्पादन में वृद्धि और रोजगार के कई अवसर पैदा करने की उम्मीद के साथ दोनों देशों ने एक ऐसा मंच स्थापित करने का वचन दिया जिससे दोनों देशों के अनुभवों और प्रौद्योगिकी से लाभ किया जाएगा। इसके अलावा वित्त प्राप्त करने के लिए भी चरणबद्ध रूप से कोशिश की जाएगी।
विशाखापत्तनम में जारी स्मार्ट सिटी समाजवाद की सफलता को स्वीकार करते हुए दोनों देशों ने इससे जुड़े मास्टर प्लान सेट करने का फैसला किया है। ज्ञापन समझ के अनुसार साथी स्टेज़ (अजमेर, इलाहाबाद और विशाखापत्तनम) व्यापार मिशन का पुनरुद्धार किया जाएगा ताकि अपने अपने शहरों के लिए एक स्मार्ट समाधान निकाला जा सके। दोनों नेताओं ने अमेरिका। भारत सीईओ फोरम की सिफारिशों का भी जायजा लिया और मंच के महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्वीकार किया है। इस मंच ने दोनों ओर के वाणिज्यिक और औद्योगिक मामलों से जुड़े मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बात का भी ध्यान लिया गया कि भारत के स्टार्टअप इंडिया कदम औद्योगीकरण और अभिनव पहल के लिए अधिक तेजी अवसर प्राप्त होंगे। दोनों देशों ने भारत और अमेरिका के बीच अधिक स्टारप अप कार्यक्रम शुरू करने का वचन दिया।
भारत में अगले साल 2017 विश्व औद्योगिक शिखर सम्मेलन का आयोजन प्रक्रिया में आ रहा है जिसकी मेजबानी दोनों देश भारत। अमेरिका की ओर से की जाएगी। इस सम्मेलन में दुनिया भर से उद्योगपतियों, निवेशकों, शिक्षाविदों, सरकारी अधिकारियों और वाणिज्यिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जाकर बातचीत की जाएगी। इस सम्मेलन के जरिए विभिन्न कदम उठाए जाएंगे।