अमरीकी जासूसी सरगर्मियों से पैदा होने वाले हमा मक़सदी तिजारती तनाज़ेआत और एतिमाद शिकनी के घने सायों के दरमियान ओबामा नज़्म-ओ-नस्क़ ने कहा कि अमरीका हिंदुस्तान के साथ अपने हिकमत-ए-अमली पर मब्नी ताल्लुक़ात को आइन्दा सदी तक जारी रखेगा।
सदर अमरीका ओबामा के हवाले से अमरीकी नज़्म-ओ-नसक़ के एक ओहदेदार ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह के दौरा-ए-अमरीका के मौक़े पर कहा कि अमरीका, हिंदुस्तान के साथ अपने देरीना ताल्लुक़ात को मज़ीद मुस्तहकम करना चाहता है। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह जुमे की सुबह वाईट हाउज़ में सदर ओबामा से मुलाक़ात करेंगे और ज़ुहराने के दौरान मुताल्लिक़ा मंदूबीन से बातचीत होगी। ख़ातूने अव्वल मीशल ओबामा, वज़ीर-ए-आज़म की अहलिया गुरूशरण कौर के लिए अलैहदा टी पार्टी का एहतिमाम करेंगी। ओबामा की जानिब से वज़ीर-ए-आज़म के लिए वाईट हाउज़ में इस्तिक़बाल की तैयारीयां दोनों ममालिक के ताल्लुक़ात की क़ुरबत का मज़हर मालूम होती हैं। दोनों क़ाइदीन और उनकी बेगमात के दरमियान ख़ुशगवार मुलाक़ात होगी। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह आज अमरीका जाने के लिए जर्मनी के शहर फ़्रैंकफ़र्ट पहूंचे। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा जनरल असेंबली से वो हफ़्ते की सुबह ख़िताब करेंगे। इस मौक़े पर वो वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तान नवाज़ शरीफ़ से भी मुलाक़ात करने वाले हैं।
मनमोहन सिंह के एक हफ़्ता तवील दौरा-ए-अमरीका का मक़सद तिजारत, सरमायाकारी, शोबा ए दिफ़ा और इंसदाद-ए-दहशतगर्दी के बशमोल मुख़्तलिफ़ शोबों में बाहमी ताल्लुक़ात को वुसअत देने और मज़बूत बनाने के लिए मुस्तक़बिल में तआवुन का लायेहा-ए-अमल तय करना है। सिविल न्यूक्लीयर मुआहिदा को रूबा अमल लाने के लिए ये मुलाक़ात एहमीयत रखती है।
27 सितंबर को वाशिंगटन से वो न्यूयार्क रवाना होंगे। इस दौरे के दौरान तवक़्क़ो है कि दिफ़ा के शोबे में तक़रीबन एक दर्जन मुआहिदों पर दस्तख़त किए जाऐंगे। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की जनरल असेंबली के 68 वें सालाना इजलास से ख़िताब के लिए कल 26 सितंबर को न्यूयार्क पहूंचेंगे जहां वो अपनी बेपनाह सरकारी मसरुफ़ियात और आलमी क़ाइदीन से मुलाक़ातों के दौरान हिंदुस्तान के तीन अहम पड़ोसी ममालिक पाकिस्तान, बंगलादेश और नेपाल के वुज़राए आज़म से 29 सितंबर को मुलाक़ात करेंगे।
बिलख़सूस हिंदुस्तान के अहम तरीन पड़ोसी पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म नवाज़ शरीफ़ से उनकी मुलाक़ात को नुमायां एहमीयत दी जा रही है। पाकिस्तान में इस साल आम इंतिख़ाबात के बाद नवाज़ शरीफ़ फिर एक मर्तबा वज़ीर-ए-आज़म के ओहदे पर फ़ाइज़ हुए हैं। जिस के बाद डॉ. मनमोहन सिंह की उनसे ये पहली मुलाक़ात होगी। सरहद पार से हिंदुस्तान में दहशतगर्दी के वाक़ियात और लाईन आफ़ कंट्रोल पर पाकिस्तानी फ़ौज की जानिब से जंगबंदी की बढ़ती हुई ख़िलाफ़ वर्ज़ियों के साय में होने वाली इस मुलाक़ात में तवक़्क़ो है कि दोनों क़ाइदीन बाहमी ताल्लुक़ात को ख़ुशगवार और मज़ीद बेहतर बनाने पर ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करेंगे। इस मुलाक़ात के बारे में दोनों ममालिक के सयासी हलक़ों में ज़बरदस्त तजस्सुस जारी था।
नवाज़ शरीफ़ से डॉ. मनमोहन सिंह की मुलाक़ात के बारे में एक सवाल पर रास्त जवाब देने से गुरेज़ करते हुए कहा था देखिए क्या होता है लेकिन अमरीका को रवानगी से क़ब्ल वज़ीर-ए-आज़म ने आज नई दिल्ली में दिए गए बयान में ये कहते हुए इस तजस्सुस को ख़त्म कर दिया कि बशमोल बंगलादेश नेपाल और पाकिस्तान में हमारे चंद पड़ोसी ममालिक के क़ाइदीन से बाहमी बातचीत का मुतमन्नी हूँ।