हिंद-ईरान बाहमी तिजारत 16 बिलीयन डॉलर्स तक पहुंच गई। मज़ीद इज़ाफ़ा मुतवक़्क़े

कौंसिल जेनरल ईरान मुतय्यना हैदराबाद जनाब हसन नूरयान ने कहा कि हिंदूस्तान और ईरान के ताल्लुक़ात मुख़्तलिफ़ शोबों में काफ़ी मुस्तहकम हुए हैं और आने वाले दिनों में तिजारत और दीगर शोबों में बाहमी तआवुन में इज़ाफ़ा होगा। जनाब हसन नूरयान ने हाल ही में हैदराबाद में कौंसिल जेनरल के ओहदा का जायज़ा हासिल किया है। अपने पहले सहाफ़ती इंटरव्यू के लिए उन्हों ने रोज़नामा सियासत का इंतिख़ाब किया।

जनाब हसन नूरयान ने बताया कि इन्फ़ार्मेशन टेक्नोलोजी , बायो टेक्नोलोजी , फार्मासिटिकल के शोबों में दोनों ममालिक के दरमयान तिजारत को फ़रोग़ हासिल होगा। जनाब हसन नूरयान हैदराबाद में बहुत जल्द कल्चरल वीक के इनइक़ाद का मंसूबा रखते हैं जिस में ईरान के तारीख़ी इमारतों और तहज़ीबी विरसा की नुमाइश शामिल रहेगी। उन्हों ने कहा कि आंधरा प्रदेश और ईरान के दरमयान तिजारती वफ़ूद के तबादले के लिए वो ख़ुसूसी दिलचस्पी लेंगे, वो बहुत जल्द चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी से मुलाक़ात करेंगे और मुख़्तलिफ़ शोबों में तआवुन पर तबादला-ए-ख़्याल होगा। ईरान के बारे में अमरीका के मौक़िफ़ से मुताल्लिक़ सवाल पर कौंसिल जेनरल ने कहा कि एक तरफ़ अमरीका ईरान से दोस्ती का दम भरता है तो दूसरी तरफ़ इक़तिसादी तहदीदात आइद की जाती हैं।

अगर अमरीका दोस्ती चाहता है तो उसे अपने अमल से साबित करना चाहीए। उन्हों ने सवाल किया कि तहदीदात के नाम पर ईरानी अवाम को अदवियात से क्यों महरूम रखा जा रहा है। उन्हों ने ईरान के मुआमलात में अमरीका की मुदाख़िलत को नाक़ाबिल-ए-क़बूल क़रार दिया और कहा कि अमरीका कभी भी किसी का वफ़ादार नहीं हो सकता।

उस ने सद्दाम हुसैन, हुस्नी मुबारक और कज्जाफी के साथ जो सुलूक क्या उस से दुनिया वाक़िफ़ है? हसन नूरयान ने कहा कि ईरान अपनी ख़ारिजा पालिसी के मुआमला में किसी मुल्क के दबाव को हरगिज़ क़बूल नहीं करेगा। ईरान के अवाम की ताईद सदर अहमदी नज़ाद के साथ है लेकिन मग़रिबी मीडीया ग़लत अंदाज़ में ईरान की सूरत-ए-हाल को पेश कर रहा है। उन्हों ने कहा कि फ़लस्तीनी काज़ के लिए ईरान की ताईद हमेशा जारी रहेगी। जनाब हसन नूरयान ने बताया कि वो हैदराबाद में अहम मज़हबी, सयासी, समाजी और ज़राए इबलाग़ की शख़्सियतों से मुलाक़ात का मंसूबा रखते हैं ताकि ताल्लुक़ात को मुस्तहकम किया जा सके।

हसन नूरयान का शुमार ईरान के नौजवान सिफ़ारतकारों में होता है, वो साबिक़ में ईरानी वज़ारत-ए-ख़ारजा के तहत इस्फ़िहान में ख़िदमात अंजाम दे चुके हैं। ईरान के कुवैत, इराक़, किर्गिस्तान, तुर्की और ताजिकस्तान के दरमयान क़ायम शूदा मुशतर्का कमीशन के डायरेक्टर जेनरल भी रह चुके हैं। हसन नूरयान कराची के ईरानी कौंसिलेट में कौंसिलर सेक्शन के इंचार्ज के फ़राइज़ भी अंजाम दे चुके हैं। उन्हें 2 नवंबर को हैदराबाद में कौंसिल जेनरल मुक़र्रर किया गया।