दोनों ममालिक को बाहमी मुसबत वाक़ियात पर तवज्जु मर्कूज़ करने की ज़रूरत :चीनी वज़ीर-ए-इतला-आत
हिन्दुस्तान और चीन के दरमयान सरहदी तनाज़े को नाक़ाबिल हल ना होने का दावे करते हुए वज़ीर-ए-ख़ारजा सलमान ख़ुरशीद ने आज कहा कि दोनों ममालिक बाहमी ताल्लुक़ात में ऐसी रुकावटों को दूर करने के पाबंद हैं। उन्होंने एक तक़रीब से ख़िताब करते हुए कहा कि ये हक़ीक़त है कि हमारी सरहद ग़ैर मुईन है इसी वजह से नज़रियात में इख़तिलाफ़ात पैदा होता है।
वक़फ़ा वक़फ़ा से मसाइल पैदा होते हैं ताहम ये मसाइल नाक़ाबिल हल नहीं हैं। हम तहे दिल से जानते हैं कि ये कोई नाक़ाबिल हल मसला नहीं है और दोनों ममालिक बाहमी ताल्लुक़ात में ऐसी रुकावटों को दूर करने के पाबंद हैं इनका ये बयान ख़त हक़ीक़ी क़बज़ा पर चीनी फ़ौज की दर अंदाज़ी के वाक़ियात के इज़ाफे के पेशे नज़र एहमीयत रखता है जिस के बाद हुकूमत ने पार्लियामेंट और इस के बाहर अपना मौक़िफ़ वाज़िह किया था।
चीनी वज़ीर बराए मुमलिकती कौंसल दफ़्तर इत्तिलाआत काई मनगझ़ाव ने कहा कि दोनों ममालिक को बाहमी मुसबत वाक़ियात पर ध्यान देना करनी चाहीए।वो भी इस तक़रीब में मौजूद थे। हिंद चीन मीडीया फ़ोर्म की इफ़्तेताही तक़रीब से ख़िताब करते हुए सलमान ख़ुरशीद ने कहा कि 21 वीं सदी कहा जाता है कि एशियाई सदी होगी और हमारा ये पुख़्ता यक़ीन है की ये ख़ाब शर्मिंदा ताबीर नहीं हो सकेगा अगर हिन्दुस्तान और चीन आलमी मसाइल के बारे में हमख़याल ना हो नावर बाहमी इख़तिलाफ़ात की वजूहात दूर ना करें।
उन्होंने कहा कि दोनों ममालिक को एक दूसरे की बेहतर तफ़हीम के लिए मज़ीद बाहमी बातचीत करनी चाहीए ताकि दोनों ममालिक के बाहमी ताल्लुक़ात के इमकानात से भरपूर इस्तिफ़ादा किया जा सके। उन्होंने कहा कि दोनों ममालिक तक़रीबन 4 हज़ार साल से पुरअमन बकाए बाहम पर अमल पैरा हैं लेकिन मुख़्तसर से वक़फ़ा केलिए दोनों ममालिक का एहसास है की उन्हें तेज़ी से तारीख़ का एक हिस्सा बन जाना चाहीए क्योंकि हम जानते हैं कि मुस्तक़बिल में बाहमी तआवुन की एहमीयत होगी।