हिंद पाक अमन कार्रवाई गुमराह होने का अंदेशा

श्रीनगर 22 । सितंबर (पी टी आई) पार्लीमैंट पर हमला के मुक़द्दमा में मुजरिम क़रार दिए हुए अफ़सल गुरु को सज़ाए मौत नहीं दी जानी चाहीए क्योंकि ऐसा इक़दाम अंदेशा है कि हिंद।पाक अमन कार्रवाई को गुमराह करदेगा। पाकिस्तानी मक़बूज़ा कश्मीर के एक सीनीयर सियासतदां ने आज इस अंदेशा का इज़हार किया। साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तानी मक़बूज़ा कश्मीर सुलतान महमूद चौधरी अपने तीन रोज़ा दौरा कश्मीर के इख़तताम पर प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब कर रहे थी, उन्हों ने कहा कि अफ़ज़ल गुरु को फांसी पर नहीं लटकाया जाना चाआई। इस के नतीजा में सूरत-ए-हाल अबतर होजाएगी। उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान को ऐसा कोई इक़दाम नहीं करना चाहीए जिस का नतीजा इस इलाक़ा में कशीदगी की शक्ल में ज़ाहिर हो। सुलतान महमूद चौधरी ख़ुद साख़ता साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म पाकिस्तानी मक़बूज़ा कश्मीर एक शादी की तक़रीब में शिरकत के लिए कश्मीर आए हुए थे जो इन का एक सनअत कार दोस्त ही, उन्हों ने कहा कि नई दिल्ली और ईस्लामाबाद को ऐसे इक़दामात करने चाहिऐं जिन के नतीजा में समझौता होसके और मसला-ए-कश्मीर की यकसूई केलिए साज़गार माहौल पैदा हो। उन्हों ने कहा कि ख़त क़बज़ा की दोनों जानिब कश्मीरी क़ियादत को बैन कश्मीर कान्फ़्रैंस के ज़रीया मुलाक़ात का मौक़ा दिया जाना चाआई। आग़ाज़ के तौर पर ख़त क़बज़ा के पार बला रुकावट आज़ादाना तौर पर सफ़र के इंतिज़ामात किए जाने चाहिऐं। परमिट सिस्टम बरख़ास्त करदिया जाना चाआई। सुलतान महमूद चौधरी पाकिस्तान के इन आला तरीन सतह के ओहदेदारों में शामिल हैं जो बरसर ख़िदमत हैं या सबकदोश होचुके हैं और 1947 -के बाद कश्मीर का दौरा करचुके हैं। उन्हों ने कहा कि होसकता है कि वक़्त आने पर परमिट सिस्टम मुस्तक़िल और मुकम्मल तौर पर बरख़ास्त करदिया जाई। दोनों ममालिक कश्मीरीयों को ख़त क़बज़ा की दोनों जानिब आमद-ओ-रफ़त की इजाज़त देदीं । उन्हों ने हिंद।पाक बातचीत का ख़ौरमक़दम करते हुए कहा कि हमें हिंद।पाक दोस्ती पर कोई एतराज़ नहीं है लेकिन अगर बातचीत की कार्रवाई को नतीजाख़ेज़ और कामयाब बनाना तो कश्मीरी क़ियादत को भी बातचीत में शामिल किया जाना चाआई। सुलतान महमूद चौधरी ने कहा कि कश्मीर हिंदूस्तान और पाकिस्तान के दरमयान कलीदी मसला है जबकि दीगर देरीना मसाइल सिर्फ़ वक़्ती इश्तिआल अंगेज़ी हैं जो इस मसला की यकसूई पर ख़ुदबख़ुद ख़तन होजाएंगी। उन्हों ने कहा कि वो अपने मुख़्तसर से क़ियाम के दौरान कश्मीर की पूरी क़ियादत से मुलाक़ात करचुके हैं और वतन एक मुसबत पैग़ाम लेकर जा रहे हैं। जम्मू-ओ-कश्मीर की मौजूदा हुकूमत को मुंख़बा तस्लीम करने के बारे में सवाल पर उन्हों ने मुख़्तसर सा जवाब दिया कि वो उसे जायज़ तस्लीम नहीं करती। अफ़्ग़ानिस्तान में झड़पों पर उन्हों ने मसला-ए-कश्मीर की यकसूई तक नाक़ाबिल हल क़रार दिया।