हिन्दुस्तान ने सख़्त लब-ओ-लहजा इख़तियार करते हुए पाकिस्तानी फ़ौज पर दर अंदाज़ी की बढ़ती हुई कोशिशों और सरहद पर जंग बंदी की ग़ैरमामूली ख़िलाफ़ वरज़ीयों का इल्ज़ाम आइद करते हुए कहा कि दोनों ममालिक के दरमियान ताल्लुक़ात बेहतर बनाने के लिए पाकिस्तान का ख़ुलूस मशकूक है। वज़ीरे दिफ़ा ए के अनटोनी ने कहा कि फ़ौज देख रही है कि दहशतगर्द जो दरअंदाज़ी की कोशिश कर रहे हैं हथियारों और आलात से अच्छी तरह लैस हैं और तवील मुद्दत तक अपनी सरगर्मियां जारी रखने के लिए पूरी तरह तय्यार हैं।
एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा कि दरअंदाज़ी को रोकने यह इन कोशिशों में कमी करने के बजाय इन में इज़ाफे की कोशिशें अभी जारी हैं, इस का मतलब ये है कि उसे अनासिर को सरहद पार की ताईद हासिल है। उन्होंने यक़ीन ज़ाहिर किया कि पाकिस्तान के इलम, और खुली ताईद के बगैर एसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सरहद पर फ़ौज पूरी तरह चौकस है , फिर दहशतगर्द पाकिस्तान की ताईद और इल्म के बगैर हिन्दुस्तान में कैसे दरअंदाज़ी करसकते हैं।
दहशतगरदों के हौसले इतने बुलंद कैसे होगए। अगर उन्हें कोई ताईद हासिल नहीं है। यही सवाल हमें परेशान कर रहा है। एनटोनी ने कहा कि जारीया साल बेन अल-अक़वामी सरहद पर भी जंग बंदियों की ख़िलाफ़ वरज़ीयों में इज़ाफ़ा हुआ है। एक ग़ैरमामूली तबदीली आई है , अब तक जंग बंदी की ख़िलाफ़ वरज़ीयां सिर्फ़ ख़त क़बज़ा पर हुआ करती थी , अचानक बेन उल-अक़वामी सरहद पर जंग बंदी की ख़िलाफ़ वरज़ीयां बाइस तशवीश हैं।
पाकिस्तान ताल्लुक़ात बेहतर बनाने पर तवज्जु नहीं दे रहा है। सरहद की दोनों जानिब फ़ौज निगरानी कर रही है। फिर दहशतगर्द हिन्दुस्तान में कैसे दरअंदाज़ी में कामयाब होसकते हैं। हम पाकिस्तान से कई बार कह चुके हैं कि अगर वो ताल्लुक़ात बेहतर बनाने में मुख़लिस हैं तो उन्हें दरअंदाज़ी की कोशिशों पर क़ाबू पाना होगा। फिर उसी कोशिशों में इज़ाफ़ा कैसे होरहा है। वज़ीरे दिफ़ा ने कहा कि बेन उल-अक़वामी सरहद पर जंग बंदी की ख़िलाफ़ वरज़ीयों में कमी आई है क्योंकी मुसल्लह अफ़्वाज सख़्त निगरानी कर रही हैं और किसी भी हंगामी हालात से निमटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि उन्हें एतिमाद है कि फ़ौज किसी भी चैलेंज का मुक़ाबला करेगी। वो 24 घंटे चौकस है और किसी भी सूरत-ए-हाल का मूसिर अंदाज़ में मुक़ाबला कर सकती है। उन्होंने कहा कि ये कार्रवाई का मेयारी तरीकाकार है। हर एक को हमारी सलाहियत के बारे में और हमारी फ़ौज के ख़ुलूस-ओ-वाबस्तगी के बारे में कोई शुबा नहीं होना चाहीए। इनका ये तबसरा पाकिस्तान की जानिब से जंग बंदी की बार बार ख़िलाफ़ वरज़ीयों के पस-ए-मंज़र में अहमियत रखता है। जिस की वजह से जम्मू-ओ-कश्मीर में हलाकतें भी वाक़्य हुई हैं ।