नई दिल्ली
मईशत से अलग रखने का सुब्रामणियम स्वामी का मश्वरा
पाकिस्तान को अपना ज़हन बनाना की ज़रूरत है कि वो जुनूबी एशियाई डी एन ए का है या मग़रिबी एशियाई ख़ानदान का ,ताकि कसीर जहती हिंद – पाक तिजारत में तरक़्क़ी में इज़ाफे के इमकानात से इस्तिफ़ादा किया जा सके।
बी जे पी क़ाइद सुब्रामणियम स्वामी ने मश्वरा दिया कि दोनों ममालिक को मईशत से सियासत को अलग करदेना चाहिए। उसी सूरत में बाहमी तिजारत को फ़रोग़ हासिल होसकता है। हिन्दुस्तानियों को ये फ़ैसला करना चाहिए कि वो सार्क ख़ानदान के हैं और उनकी शनाख़्त एशियाई है।