हिंद-पाक वुज़राए ख़ारिजा सतह की मुलाक़ात ज़रूरी

ईस्लामाबाद । 22 जनवरी (पी टी आई) पाकिस्तान ने हिंदूस्तान को मतला किया कि दोनों मुल्कों के वुज़राए ख़ारिजा के दरमियान सिफ़ारती सतह पर बातचीत ज़रूरी है ताकि इस बातचीत के दौरान ख़त क़बज़ा पर जंग बंदी की ख़िलाफ़वरज़ी का जायज़ा लिया जा सके।

हाल ही में कश्मीरी सरहदी इलाके पर पाकिस्तान की जानिब से जंग बंदी की ख़िलाफ़वरज़ी हुई थी। इस में दो हिंदूस्तानी सिपाहीयों के गले काट दिए गए थे। मीडीया रिपोर्ट में आज बताया गया है की वज़ीर-ए-ख़ारजा पाकिस्तान हिना रब्बानी खुर ने हिंद – पाक वुज़राए ख़ारिजा सतह की बातचीत की तजवीज़ रखी है।

उन्होंने ये भी तवक़्क़ो रखी है कि उनकी तजवीज़ का हिंदूस्तान की जानिब से इमकानी रद्द-ए-अमल सामने आएगा। क़ाबिल लिहाज़ तौर पर उन के इस बयान को सिफ़ारती चैनलों के ज़रीये गशत करवाया गया है। ज़राए ने कहा कि वज़ीर-ए-ख़ारजा पाकिस्तान इस बात की मुतमन्नी है कि हिंदूस्तान के साथ पैदा होने वाली हालिया तल्ख़ी को दूर किया जाये।

पाकिस्तान की इस दरख़ास्त से सिफ़ारती सतह पर वाक़िफ़ करवाया गया है और पाकिस्तान की तजवीज़ को हिंदूस्तानी सतह पर भी पुरसुकून अंदाज़ में सुना गया है। वज़ीर-ए-ख़ारजा हिना रब्बानी खुर ने हिंदूस्तान के ख़ैरसिगाली रद्द-ए-अमल की सताइश की है। इन ताज़ा कोशिशों में सिफ़ारती सतह के सीनीयर ओहदेदार मसरूफ़ हैं।

एक ओहदेदार ने कहा कि हमें ये भी महसूस करना चाहीए कि अब वो वक़्त नहीं है हम कशीदगी को बरक़रार रखें। अंदरून-ए-मुल्क हालात तशवीशनाक हैं इस लिए मुल्की सतह पर सूरत-ए-हाल को बेहतर बनाना ज़रूरी है। दोनों ममालिक की जानिब ये महसूस करने में वक़्त लगेगा कि दोनों के दरमियान बातचीत ही मसाइल का हल है।

हिंदूस्तान में पाकिस्तानी हाई कमिशनर सलमान बशीर ने हिंदूस्तानी हुक्काम को इस पयाम से वाक़िफ़ करवाया है कि पाकिस्तान, ख़त क़बज़ा पर जंग बंदी के ख़िलाफ़ वरज़ीयों के दौरान हिंदूस्तानी सिपाहीयों के गले काट देने के वाक़िये की तहक़ीक़ात कराने तैय्यार है। हिंदूस्तान ने इस मसले पर क़ब्लअज़ीं सर्दमहरी का इज़हार किया था।

हिना रब्बानी ने वुज़राए ख़ारिजा के दरमियान बातचीत की तजवीज़ रखी थी लेकिन वज़ीर-ए-ख़ारजा हिंदूस्तान सलमान ख़ुरशीद ने कहा था कि दोनों मुल्कों के ताल्लुक़ात अब निचली सतह पर पहुंच गए हैं। अब ज़रूरी होगया है ऐसी फ़िज़ा-ए-की सतह बहाल की जाये जहां हालात मामूल पर आएं।

उन्होंने मज़ीद कहा कि दोनों ममालिक के दरमियान हालात को मामूल पर लाने केलिए दोनों जानिब पूरी तरह से तैय्यार होना ज़रूरी है। नई दिल्ली ने पाकिस्तान की इस पेशकश को भी मुस्तर्द कर दिया था कि एल ओ सी पर हुई जंग बंदी की ख़िलाफ़वरज़ी की अक़वाम-ए-मुत्तहिदा फ़ौजी मुबस्सिरीन ग्रुप की जानिब से तहक़ीक़ात करवाई जाये।

ख़त क़बज़ा पर दोनों मुल्कों की फ़ौज के दरमियान झड़पों के बाइस हालात कशीदा होगए थे। 2003ए- में सरहद पर जंग बंदी का मुआहिदा हुआ था लेकिन हालिया दिनों में पाकिस्तानी फ़ौज की जानिब से सरहद पर मुसलसल जंग बंदी की ख़िलाफ़रज़ीयां की जा रही थी। दोनों ममालिक के फ़ौजी ऑपरेशंस के डायरैक्टर जनरलस ने इस मसले पर बातचीत की है।