हिंद – मिस्र ताल्लुक़ात

मिस्र में मुख़ालिफ़ हसनी मुबारक हुक्मरानी तहरीक के एक साल बाद क़ाहिरा में अमन की सुबह का सूरज तलूअ(तुलूअ) हुआ है तो उसे हिंदूस्तान के बिशमोल चीन और अफ़्रीक़ी हमसाया ममालिक के साथ बेहतर ताल्लुक़ात को फ़रोग़ देने की कोशिश करना वक़्त का तक़ाज़ा है।

हिंदूस्तान और मिस्र के दरमयान देरीना दोस्ताना ताल्लुक़ात हैं। सदर की हैसियत हसनी मुबारक ने हिंदूस्तान के साथ अपने मुल्क के रवाबित को फ़रोग़ देने में कोई कोताही नहीं की थी। हिंदूस्तान ने अपने देरीना रफ़ीक़ मुल्क मिस्र के ताल्लुक़ से हमेशा नेक ख़ाहिशात रखे हैं। वज़ीर-ए-ख़ारजा एस एम कृष्णा का 3 रोज़ा दौरा मिस्र भी इसी की कड़ी है। एस एम कृष्णा ने मिस्र की नई क़ियादत और नई पार्लीमैंट के नुमाइंदों से मुलाक़ात की।

हिंद । मिस्र तिजारती सिफ़ारती ताल्लुक़ात को वुसअत देने के लिए मुआहिदों पर दस्तख़त किए हैं, लेकिन हिंदूस्तान को अब भी मिस्र में बदलते हालात का एहतियात से मुशाहिदा करना होगा, क्योंकि हसनी मुबारक के दौर के ओहदेदारों और नई हुक्मरानी में होने वाली तबदीलीयों के असरात का तक़ाबुली जायज़ा लेने के लिए इसे वक़्त दरकार है। मिस्र की नई क़ियादत के साथ मुकम्मल रवाबित को फ़रोग़ देने से पहले हिंदूस्तान को ये भी देखना हैकि मिस्र में हालिया सयासी तब्दीलीयों के सयासी, मआशी और सिफ़ारती असरात मुरत्तिब होते हैं।

वैसे मिस्र के इस्लाम पसंद ग्रुप ने अपने मुल़्क की बुनियादी जरूरतों और सिफ़ारती उसूलों के ताल्लुक़ से अपना ज़हन तब्दील नहीं किया है। मिस्र के वज़ीर-ए-ख़ारजा कमाल अमरो से मुलाक़ात के दौरान तिजारत को फ़रोग़ देने के मुआहिदा के इलावा उन्हें हिंदूस्तान आने की दावत देते हुए एस एम कृष्णा ने दोस्ताना ताल्लुक़ात को मुस्तहकम बनाने वाला क़दम उठाया है।

ये क़दम मिस्र में गुज़श्ता मई को हुए सदारती इंतेख़ाबात के बाद सब से बड़ा यादगार समझा जायेगा। हिंदूस्तान ने रिवायती दोस्ती को फ़रोग़ देने की जिस तरह की कोशिश की है इस का पुरजोश रद्द-ए-अमल भी सामने आया है। मिस्र को इस वक़्त मज़बूत हिक्मत-ए-अमली वाले ममालिक से दोस्ती को फ़रोग़ देने की कोशिश करनी है। मिस्र की मुसल्लह अफ़्वाज की हुक्मराँ फ़ौजी कौंसल के सरबराह फ़ील्ड मार्शल मुहम्मद हुसैन से एस एम कृष्णा की मुलाक़ात को एहमीयत हासिल हुई।

मिस्र की क़ियादत ने आज के असरी तक़ाज़ों को पूरा करने के साथ हिंद । मिस्र के नासिर । नेहरू दौर के ताल्लुक़ात के एहया की भी ख़ाहिश ज़ाहिर की है तो आगे चल कर ताल्लुक़ात में मज़ीद मज़बूती आएगी। मिस्र के अवाम हमेशा अपनी जुर्रत मंदाना ज़िंदगी के लिए मक़बूल हैं। आलम अरब में हुकमरानों के ख़िलाफ़ उठने वाली तहरीकों में मिस्र के अवाम के जज़बात को सब से बड़ा अमल दख़ल रहा है।

क़ाहिरा का तहरीर स्कवायर इस बात की गवाही देता है कि मिस्र को असरी दौर में ले जाने केलिए मिस्र की नौजवान नसल ने तहरीक को कामयाब बनाने में अहम रोल अदा किया। ये अस्र और इन्फ़ार्मेशन टेक्नोलाजी के बगै़र अधूरा है। इस लिए हिंदूस्तान के साथ मिस्र ने इन्फ़ार्मेशन टेक्नोलाजी शोबा को ही अपने दरमयान भरोसा की बुनियाद बनाकर मुआहिदे किए हैं।

आने वाले दिनों और हफ़्तों में दोनों मुल्कों के ओहदेदार सिफ़ारती चैनलों के ज़रीया ताल्लुक़ात और तिजारत को फ़रोग़ देंगे। दोनों मुल्कों ने एतवार के दिन ज़राअत, सक़ाफ़्त और माहौलियात के तहफ़्फ़ुज़ के मुआहिदों पर दस्तख़त किए हैं।

हिंदूस्तान को मिस्र के साथ अपने ताल्लुक़ात को फ़रोग़ देने में इस मर्तबा इस्लाम पसंद ग्रुप इख़वान अलमुस्लिमीन के साथ सयासी रवाबित को मुस्तहकम करते होंगे। इख़वान अलमुस्लिमीन के शोबा सयासी के सरबराह मुहम्मद मोह से  एस एम कृष्णा की मुलाक़ात भी एहमीयत की हामिल रही है। इख़वान अलमुस्लिमीन के सयासी रंग फ्रीडम ऐंड जस्टिस पार्टी ने वाज़िह कर दिया कि वो अपने दोस्तों और हलीफ़ों के इंतेख़ाब में अज़ीम तर तवाज़ुन को बरक़रार रखने की कोशिश करेगी।

बैरूनी इलाक़ों में हिंदूस्तानी सिफ़ारत कारी की सलाहीयतों का बहुत बड़ा अमल दख़ल होता है। एस एम कृष्णा ने इन सिफ़ारती चैनलों के ज़रीया बैरूनी मुल्कों में हिंदूस्तानियों के मुफ़ादात के तहफ़्फ़ुज़ में अहम रोल अदा किया है। मिस्र में भी हिंदूस्तान के सिफ़ारती चैनलों को मज़बूत बनाना ज़रूरी है।

किसी भी मुल्क से सिफ़ारती ताल्लुक़ात मज़बूत हो तो किसी नागहानी सूरत में हिंदूस्तानी बाशिंदों की मदद करने में आसानी होगी। आस्ट्रेलिया में हाल ही में हिंदूस्तानियों को दरपेश मसाइल हूँ या बर्तानिया में हालिया हिंदूस्तानी तालिब-ए-इल्म के साथ तशद्दुद के वाक़्यात या फिर नार्वे में एक बच्चा को तहवील में लेने की कोशिशों का मसला इन तमाम में सिफ़ारती चैनलों का बड़ा दख़ल रहा है।

एस एम कृष्णा ने बैरूनी मुल्कों में हिंदूस्तानी सिफ़ारती चैनलों को मज़बूत बनाने की कोशिश की है तो मिस्र में भी ये कोशिश कारगर साबित होगी। सिफ़ारती ताल्लुक़ात की वजह से ही एस एम कृष्णा ने मिस्र के फ़ील्ड मार्शल मुहम्मद हुसैन तनतावी से इज़हार-ए-तशक्कुर किया कि इन की कोशिशों ने लीबिया में फंसे 3000 हिंदूस्तानियों को बहिफ़ाज़त निकालने में कामयाबी मिली थी।

बहरहाल हसनी मुबारक दौर के ख़ातमा के मिस्र को हिंदूस्तान के वज़ीर-ए-ख़ारजा का ये पहला आला सतही दौरा है। दोनों मुल्कों को मुस्तक़बिल की तरफ़ पेशक़दमी करते हुए बाहमी ताल्लुक़ात को एक नई सिम्त और बुलंद सतह अता करने की कोशिश करनी चाहीए।