हिंद , वैतनाम मोआहिदा

हिंद । वैतनाम ताअल्लुक़ात को फ़रोग़ देने के लिए एशियाई ख़ित्ता की सरहद को उबूर करते हुए पहली मर्तबा सदर वैतनाम ने दौरा किया। दोनों जानिब ताअल्लुक़ात के लिए जिन तक़ाज़ों को पूरा करना था इन में तिजारती मुआहिदे शामिल हैं। वैतनाम जिस ने अपनी दाख़िली सलामती को मज़बूत बनाकर दुनिया के सोपर पावर मुलक अमरीका को पसपा करने का सहरा अपने सर बांधा हुआ है, एक नई तारीख़ रक़म करके आलमी सतह पर अपना मुनफ़रद मौक़िफ़ बनाने की कामयाबी हासिल की है। सदर वैतनाम तुर्किक तान संग ने अपने मुल़्क की तिजारती सरगर्मीयों को आगे ले जाने की ग़रज़ से 2015 -ए-तक 7 बिलीयन डालर की तिजारत का निशाना मुक़र्रर किया है। साबिक़ में दोनों ममालिक ने 2.7 मुलैय्यन अमरीकी डालर की तिजारत की थी। सैक्योरिटी शोबा में तआवुन दोनों मुल्कों के लिए निहायत है एहमीयत का हामिल होगा। सदर वैतनाम के दौरा हिंदूस्तान की चीन की जानिब से शदीद मुख़ालिफ़त के बावजूद ये दौरा तकमील पा चुका है। हिंदूस्तान ने भी पड़ोसी मुल्क चीन के एतराज़ात को नजरअंदाज़ करके सदर वैतनाम का दिल्ली ख़ौरमक़दम किया। चीन को सदर वैतनाम के दौरा पर एतराज़ इस लिए है क्यों कि जुनूबी चीन के समुंद्री इलाक़ा से तेल की निकासी को फ़रोग़ देने का मुआहिदा किया गया है। चीन को दीगर कई उमुर पर एतराज़ है। वो वैतनाम के बढ़ते असरात और हिंदूस्तान से इस की क़ुरबत ने उसे बेचैन करदिया है मगर उस की ये बेचैनी हिंद । चीन ताअल्लुक़ात की क़ीमत पर नहीं होनी चाआई। हिंदूस्तान को भी ये बात ज़हन नशीन रखना होगा कि चीन इस का अव्वलीन पड़ोसी मुलक है और बाद के ममालिक जैसे वैतनाम से दोस्ती अपनी जगह एक मुनफ़रद हैसियत रखती है। वैतनाम से दोस्ती के नाम पर चीन के साथ ताअल्लुक़ात को कशीदा बनाने की हमाक़त हरगिज़ नहीं की जा सकती। दीगर ममालिक के साथ हवालगी मुजरिमीन के मुआहिदा पर किस हद तक अमल आवरी होरही है इस का नोट लिए बगै़र वैतनाम के साथ भी हवालगी मुआहिदा किया गया। दोनों ममालिक के दरमयान हिक्मत-ए-अमली ताअल्लुक़ात को फ़रोग़ दिया जाई। पहली बात की दलील ये है कि यू पी ए हुकूमत के बरसर-ए-इक्तदार आने के बाद पड़ोसी मुल्कों के साथ ताअल्लुक़ात को किसी भी सतह पर ले जाने की ख़ास दिलचस्पी दिखाई नहीं दी। वैतनाम को एशियाई ख़ित्ता के बाहर के मलिक का मौक़िफ़ हासिल है। सदर वैतनाम ने वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह से मुलाक़ात के बाद ख़ित्ता में पाई जाने वाली सूरत-ए-हाल के बिशमोल बाहमी मुफ़ादात के मसाइल पर बातचीत की है किसी भी मलिक के साथ रवाबित को फ़रोग़ देने का बुनियादी उसूल जामि मुज़ाकरात और जज़बा रवाबित को एहमीयत देना होता है। वुज़राए ख़ारिजा के दरमयान बाहमी सैक्योरिटी मुज़ाकरात भी तवज्जा तलब है। इसी तरह बहरी रास्तों से होने वाली तिजारत के लिए भी ये मुआहिदे ज़रूरी थी। दहश्तगर्दी,क़ज़्ज़ाक़ी और आफ़ात समावी जैसे वाक़ियात इन दिनों एक तशवीश की हैसियत इख़तियार करगए हैं। नवंबर 2000 -ए-में इस वक़्त के वज़ीर-ए-ख़ारजा जसवंत सिंह ने वैतनाम का दौरा करते हुए 10 वें हिंद । वैतनाम जवाइंट कमीशन इजलास के दौरान हिंदूस्तान के ताल्लुक़ से वैतनाम के बाअज़ शुबहात को दूर किया था। हिंदूस्तान और वैतनाम ने दहश्तगर्दी से निमटने के लिए दीगर ममालिक की तरह हिंदूस्तान की तशवीश से वाक़िफ़ होने का इज़हार किया है। दहश्तगर्दी ने आज हर एक मलिक को मुतास्सिर किया है। समुंद्री रास्तों से तिजारत को भी लाहक़ ख़तरात और क़ज़्ज़ाक़ी के वाक़ियात से कई ममालिक फ़िक्र में मुबतला हैं। सोमालियाई क़ज़्ज़ाक़ों के इलावा दीगर समुंद्री डाकूओं ने माल बर्दार जहाज़ों को लूट लिया है। अहम समुंद्री रास्तों की सलामती और सैक्योरिटी हर मुल़्क की तशवीश का हिस्सा है। मुवासलाती रास्तों पर सलामती और सैक्योरिटी को मज़बूत बनाने की ज़रूरत है जिस के लिए हिंद । वैतनाम के दरमयान मुआहिदा क़ज़्ज़ाक़ी के मसला को निमटने के लिए एक अहम मुआहिदा समझा जाएगा। इन शोबों में दोनों ममालिक जब तक बाहमी मालूमात का तबादला नहीं करेंगे ख़तरात को दूर करने में मदद नहीं मिलेगी। हिंदूस्तान और वैतनाम की सरकारी मिल्कियत वाली तेल कंपनीयों में नई सरमाया कारी को फ़रोग़ देना है। तेल की बढ़ती क़ीमतों के पेशे नज़र तेल की निकासी और इस की सरबराही के इलावा ग़ियास की फ़राहमी पर भी तवज्जा देना है। जुनूबी चीन के समुंद्र में वैतनाम के ब्लॉक्स पर हिंदूस्तानी तेल के किण्वओं पर चीन ने एतराज़ किया है। चीन के हुक्काम का इद्दिआ है कि हिंदूस्तान ने अपना पराजकट इस के समुंद्री इलाक़ा में खड़ा किया है। हक़ीक़त तो ये है कि चीन में बाअज़ वाक़ियात सयासी अदाकारों की वजह से रौनुमा होते हैं। चीन ने समुंद्री इलाक़ा पर अपने इद्दिआ को बुलंद करते हुए हिंदूस्तान को डराने की कोशिश की है लेकिन आलमी सतह पर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ने समुंद्री पराजकटस के लिए जो उसूल और क़वाइद मुरत्तिब किए हैं उन्ही के मुताबिक़ हिंदूस्तान और वैतनाम ने अपने पराजकटस पूरे किए हैं। चीन ने समुंद्री इलाक़ा में पाए जाने वाले ब्लॉक्स की मुख़ालिफ़त की है जबकि अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ने इन ब्लॉक्स को वैतनाम के ब्लॉक्स के तौर पर तस्लीम किया है। जब वैतनाम अपने ब्लॉक्स पर पराजकट शुरू करने हिंदूस्तान से मुआहिदा करता है तो चीन को कोई एतराज़ नहीं करना चाआई। हिंदूस्तान के साथ वैतनाम की दोस्ती एशीया पसीफ़क में एक पेचीदा हिक्मत-ए-अमली वाले माहौल में नई राह हासिल करने में कामयाब हो तो इस से दोनों ममालिक एक ठोस पार्टनरशिप को फ़रोग़ देने में भी कामयाब होंगे ।