सीरिया में युद्ध हिंसा में अब तक सवा तीन लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) शरणार्थी समिति ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा कि दक्षिण-पश्चिम सीरिया में हिंसा बढ़ने से अब तक करीब सवा तीन लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं, जबकि करीब साढ़े सात लाख लोगों पर हिंसा का शिकार होने का खतरा मंडरा रहा है।
यूएन शरणार्थी उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने एक बयान में कहा है कि उन्हें दारा प्रांत में नागरिकों और मानवीय कार्य करने वाले कर्मियों के भले के लिए वे चिंतित हैं। बता दें कि हिंसा से ग्रस्त यह इलाका सीरिया में जॉर्डन सीमा पर विपक्ष के कब्जे में आता है।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि फिलहाल सीमा बंद है लेकिन हालिया दिनों में यह देखा गया है कि सरकरार ने सीमा पर बमबारी और हवाई हमले बढ़ा दिए हैं। फिलिपो ग्रांडी ने कहा है कि सीरिया में करीब 7,50,000 लोगों हिंसा के डर में जी रहे हैं जबकि करीब 3,20,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।
उन्होंने बताया कि अधिक से अधिक लोग खतरनाक और असुरक्षित परिस्थितियों में जी रहे हैं जिनमें से 60 हजार लोग जॉर्डन सीमा पर नसी/जबेर पर पड़ाव डाले हुए हैं। ग्रांडी ने कहा कि विस्थापितों में सबसे अधिक महिलएं और बच्चे शामिल हैं।
इसके बाद बूढ़े, बीमार और कमजोर लोग हैं, जिसकी चिंता ज्यादा है। उन्होंने कहा कि हिंसा से ग्रस्त क्षेत्र में व्याप्त अस्थिकता संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए जा रहे मानवीय और राहत कार्यो में बाधा उत्पन्न कर रही है। हिंसा के कारण दारा के निवासियों के पास पड़ोसी जॉर्डन में शरण मांगने के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है।