ईस्लामाबाद 2 जनवरी (पी टी आई) हिंदूस्तान और पाकिस्तान ने आज अपनी न्यूक्लियर तंसीबात का बाहम तबादला किया। ये तबादला 20 साल क़दीम मुआहिदे के तेहत है जिस का मक़सद ऐटमी असासा जात पर हमले करने पर इमतिना आइद करना है। दोनों ममालिक के आला ओहदेदारों ने न्यूक्लियर और रिवायती बहाली एतिमाद इक़दामात पर चंद ही दिन क़बिल बाहम तबादला-ए-ख़्याल किया था।
दोनों ममालिक की हुकूमतों को अपनी न्यूक्लियर तंसीबात और कारख़ानों की फ़हरिस्तों का हर साल 2 जनवरी को बाहम तबादला करना ज़रूरी क़रार दिया गया है। मुआहिदे की दफ़आत के मुताबिक़ इस तरह न्यूक्लियर तंसीबात और कारख़ानों पर हरीफ़ मुल्क के हमले रोके जा सकते हैं। इस मुआहिदे पर डसमबर 1988-ए-में दस्तख़त किए गए थे।
दफ़्तार-ए-ख़ारजा पाकिस्तान से जारी करदा एक ब्यान के बमूजब मज़कूरा मुआहिदे के तेहत पाकिस्तान की न्यूक्लियर तंसीबात और कारख़ानों की एक फ़हरिस्त हिंदूस्तानी हाई कमीशन के ओहदेदार को पाकिस्तानी वक़्त के मुताबिक़ 11:30 बजे दिन हवाला करदी गई। हिंदूस्तान ने भी अपनी फ़हरिस्त पाकिस्तानी हाई कमीशन के ओहदेदार को दफ़्तार-ए-ख़ारजा नई दिल्ली में हिंदूस्तानी मयारी वक़्त के मुताबिक़ 12 बजे दिन हवाला करदी।
फ़हरिस्तों का ये तबादला इस दौर में भी जारी था जबकि 2008-के मुंबई दहश्तगर्द हमलों के बाद दोनों ममालिकके बाहमी ताल्लुक़ात मुंजमिद करदिए गए थे जो पाकिस्तान में क़ायम तंज़ीम लश्कर-ए-तुयबा दहश्तगर्द ग्रुप ने किए थे। दोनों ममालिक ने हाल ही में एक दूसरे की जेलों में क़ैद क़ैदीयों की फ़हरिस्तों का भी बाहम तबादला किया था। क़ैदीयों की फ़हरिस्तों का ये तबादला साल में दो मर्तबा किया जाता है और मई 2008-ए-में क़ौंसलख़ाना की रसाई के मुआहिदे के मुताबिक़ है।
जिस पर इसी माह दस्तख़त किए थे। हिंदूस्तान और पाकिस्तान ने गुज़श्ता साल के अवाइल में अमन कार्रवाई का तक़रीबन 2 साल के वक़फ़ा के बाद अहया किया था और इत्तिफ़ाक़ किया था कि मीज़ाईल तजुर्बों की एक दूसरे को पेशगी इत्तिला दी जाएगी ताकि न्यूक्लियर हादिसा ना हो सकें।