हिन्दुस्तानी आजरीन को माहिरीन की क़िल्लत का सामना

नई दिल्ली

जॉब मार्कीट में बेहतरी से क़ता नज़र हिन्दुस्तान में 58 फ़ीसद आ जरीन को बाज़ ओहदों पर अहल अमीदोर तलाश करने में मुश्किल हो रही है क्योंकि अकाउंटिंग और फाइनेंस‌ के शोबे में माहिरीन की क़िल्लत पाई जाती है। मैन पावर ग्रुप के दसवें सालाना टैलेंट‌ शार्टेज सर्वे में बताया गया कि आलमी सतह पर 38 फ़ीसद आ जरीन को माहिरीन की क़िल्लत का सामना है।

हिन्दुस्तानी कंपनीयों को भी माहिरीन की क़िल्लत का सामना है लेकिन सूरत-ए-हाल गुज़िशता साल के मुक़ाबला किसी हद तक बेहतर है । 2014 में 64 फ़ीसद आ जरीन को इस तरह की मुश्किल दर पेश थी। मैन पावर ग्रुप इंडिया के मनीजिंग डायरेक्टर ए जी राव ने बताया कि आई टी और अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है।

हिन्दुस्तान में आ जरीन को अकाउंटिंग ऐंड फाइनेंस आई टी स्टाफ़ सेक्रेटरीज़ रिसेप्शनिस्ट एडमिनिस्ट्रेटिव अस्सिटेंट और ऑफ़िस स्पोर्ट ओहदों पर तक़र्रुत में मुश्किल होरही है। हिन्दुस्तान में उस वक़्त जिन दीगर मुलाज़मतों क़ी मांग है इन में टीचर्स इंजीनियर्स कम्युनिकेशन‌ स्टाफ़ सेल्स मैनेजर एक्ज़िक्युटीवज़ लीगल स्टाफ़ और रेसर चरस शामिल हैं।