हिन्दुस्तानी नज़ाद अमरीकियों की नैंसी पॉवेल की जानिब से सताइश

अमरीकी सफ़ीर बराए हिन्दुस्तान के बमूजब हिंद-अमरीका ताल्लुक़ात की तरक़्क़ी में मदद का अदा-ए-
हिन्दुस्तानी नज़ाद अमरीकियों की अमरीका के कई शोबों में कामयाबी की सताइश करते हुए अमरीका की सफ़ीर बराए हिन्दुस्तान नैंसी जय पॉवेल ने कहा कि उन्होंने हिन्दुस्तान और अमरीका के ताल्लुक़ात में इन्क़िलाबी तबदीली की रफ़्तार तेज़ करने में मदद दी है।

वो एक तक़रीब से ख़िताब कर रही थीं , उन्होंने कहा कि हालाँकि हिन्दुस्तानी नज़ाद अमरीकी अमरीका की जुमला आबादी का सिर्फ़ एक फ़ीसद हिस्सा हैं लेकिन उन्होंने अमरीका को तीन फ़ीसद इंजनीयर, 7 फ़ीसद इत्तलाआती टैक्नालोजी कारकुन और 8 फ़ीसद डाक्टर और सर्जन दीए हैं।

उन्होंने हिंद।अमरीका ताल्लुक़ात में पैदा होने वाली इन्क़िलाबी तबदीली की रफ़्तार तेज़ करदी है। वो मार्टिन लूथर किंग जूनीयर के वाशिंगटन की सिम्त मार्च की यादगार में 50 वीं सालगिरा तक़रीब से ख़िताब कर रही थीं। ये मार्च 29 अगस्त 1963 को किया गया था ।

नैंसी पॉवेल ने कहा कि हिन्दुस्तानी नज़ाद अमरीकी शहरी अमरीका में हिन्दुस्तान के बारे में राय आम्मा को तब्दील करने में अहम किरदार अदा करते हैं।उन्होंने अवाम से अवाम के काबिल-ए-क़दर ताल्लुक़ात क़ायम किए हैं और बाहमी ताल्लुक़ात की बुनियाद डाली है ।

हिन्दुस्तानी नज़ाद अमरीकी शहरियों ने इस के अलावा हिन्दुस्तान और अमरीका के ताल्लुक़ात को दिफ़ाई शराकतदारी में तब्दील करदिया है । दोनों ममालिक के मुशतर्का मुफ़ादात के अहम शोबे दिफ़ाई शराकतदारी के तहत तालीमात में तआवुन दीगर तमद्दुनों की पहल और दुनिया के बारे में मालूमात का हुसूल हैं।

उन्होंने कहा कि इन तमाम ने महात्मा गांधी और डाक्टर मार्टिन लूथर किंग के फ़लसफ़ों की तशकील में अहम किरदार अदा किया है। नैंसी पॉवेल ने याद दहानी की कि इनका स्कूल की दसवीं जमात में पहला दिन था जबकि मार्टिन लूथर किंग ने वाशिंगटन की सिम्त मार्च का आग़ाज़ किया था ।

सदर ओबामा और वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह दोनों ने अपने क़ौमी एजंडे में तालीमात को सर-ए-फ़हरिस्त रखा है।