हिन्दुस्तानी मईशत को मज़बूत बनाने क़ाबिल ग्रेजुएटस‌ दरकार

सदर जम्हूरिया मुख‌र्जी ने आई आई टीज़ पर ज़ोर दिया कि वो एक ऐसी हिक्मत-ए-अमली वज़ा करें ताकि अंडर ग्रेजुएट तलबा को पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्रामों और रिसर्च सरगर्मीयों में हिस्सा लेने का हौसला मिल सके। उन्होंने कहा कि आला तालीम के हुसूल के लिए जोश-ओ-ख़रोश की कमी के बाइस मुल्क को मतलूब क़ाबिल ग्रेजुएटस दस्तयाब नहीं हैं।

सदर जम्हूरिया ने आई आई टी दिल्ली के 44 वीं कॉन्वोकेशन से ख़िताब करते हुए कहा कि अब तक आई आई टीज़ ने अंडर ग्रेजुएट तलबा को पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च के लिए पुरकशिश तरग़ीब नहीं दी है। आई आई टी को ये मश्वरा दिया जाना चाहिए कि वो एक ऐसी हिक्मत-ए-अमली तैयार करे जिस से अंडर ग्रेजुएट तलबा पोस्ट ग्रेजुएट बनने की कोशिश करें।

में समझता हूँ कि चंद ही आई आई टी ग्रेजुएट ख़ुसूसी तालीम हासिल कर रहे होंगे जिस से वो पी एच डी या आला डिग्रियां हासिल कर सकें। तवील मुद्दत के तनाज़ुर में मुल्क को काबिल ग्रेजुएटस की कमी होगी। इस से हिन्दुस्तान की मईशत को मज़बूत बनाने के लिए काबिल ग्रेजुएटस तैयार करने की ज़रूरत है।

सदर जम्हूरिया ने कहा कि नैशनल इंस्टीटियूट आफ़ टेक्नालोजी में 71,000 तलबा की अक्सरीयत होने के बावजूद पी एच डी तलबा की तादाद सिर्फ़ 4000 है। इस तरह आई आई टीज़ में तलबा की अक्सरीयत 60,000 है जबकि सिर्फ़ 3000 तलबा ही पी एचडी कररहे हैं। उन्होंने तलबा को मश्वरा दिया कि वो अपने बेहतर और रोशन मुस्तक़बिल के लिए आला तालीम के हुसूल की कोशिश करें।