वज़ीरे दिफ़ा ए के एंटोनी ने आज कहा कि हिन्दुस्तान के सयान्ती अनुदेशों की कीमत पुर अमन बहाल किया नहीं जा सकता। उन्होंने पुर ज़ोर अंदाज़ में कहा कि मुसल्लह अफ़्वाज की जदीद कारी केलिए तमाम ज़रूरी इक़दामात किए जा रहे हैं ताकि वो बहतरीन हथियारों और टैक्नालोजियों के निज़ाम से आरास्ता रहीं। चार रोज़ा दिफ़ाई नुमाइश डेफ़ एक्सपो 2014 का इफ़्तिताह करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान देसी साख़ता हथियारों पर ज़्यादा ज़ोर दे रहा है।
इस नुमाइश में 624 देसी और विदेसी कंपनियां शिरकत कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ये नुमाइश ख़ानगी शोबे को नए मौक़े की पेशकश करती है । हिन्दुस्तान हमेशा पुर अमन यक़ीन रखता है। ताहम अमन की बहाली हमारे सयान्ती अनुदेशों की कीमत पर मुम्किन नहीं है। हम इलाक़ाई यकजहती और ख़ुदमुख़तारी को दरपेश किसी भी चैलेंज का सामना करने केलिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान दिफ़ाई तरीक़े का बाक़ायदा जायज़ा लेता रहता है ताकि ख़ानगी शोबे से ज़रूरी असलाह और आलात खरीदे जा सक़े और ज़रूरियात और बरवक़्त खरीदारी में तवाज़ुन क़ायम किया जा सके।
एक मुस्तहकम बुनियाद फ़राहम की जाये जिस के लिए देसी साख़ता दिफ़ाई शोबा आला तरीन मियार, शफ़्फ़ाफ़ियत , अवामी जवाबदेही बरक़रार रखते हुए काम करसके। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान अंदरून-ए-मुल्क अमन की तेज़ रफ़्तार बहाली के लिए कोशिश जारी रखेगा और दिफ़ाई शोबा को ख़ुद मुकतफ़ी बनाएगा।