हिन्दुस्तान की तरक़्क़ी के लिए सियासी राय ज़रूरी

हैदराबाद 06 मार्च: नायब सदर जमहूरीया एम हामिद अंसारी ने कहा कि मिल्लत को तरक़्क़ी-ओ-पैदावार का हिन्दुस्तान बनाने वाले प्रोग्राम शुरू करने की ज़रूरत है।

हमारे ज़रई शोबे को मआशी-ओ-समाजी किरदार में तबदील किया जा सकता है। उन्होंने यहां ज़रई शोबे में अवामी सरमायाकारी और सब्सीडीज़ पर क़ौमी सेमीनार से ख़िताब करते हुए कहा कि ज़रई शोबे की तरक़्क़ी को यक़ीनी बनाने के लिए ऑल इंडिया किसान सभा की तरफ से पेश करदा तजावीज़ पर ग़ौर किया जा सकता है।

इस सेमीनार में चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के चन्द्रशेखर राव‌ और दुसरे अहम शख़्सियतों ने शिरकत की। नायब सदर जमहूरीया ने कहा कि हुकूमत को ज़रई शोबे में पाई जाने वाली ख़ामीयों को दूर करने के लिए बेहतरीन काम अंजाम देने होंगे। उस के लिए मज़बूत सियासी अज़म की ज़रूरत है और तरक़्क़ी की सतह को बुलंद करने के लिए वसी‍तर सियासी इत्तेफ़ाक़ राय भी पैदा होना ज़रूरी है।

हामिद अंसारी ने कहा कि हमको एक समाजी अज़म के साथ मआशी तरक़्क़ी की ख़ाहिश भी होनी चाहीए जिसके बाद ही हम देही शोबे की तरक़्क़ी में दरपेश चैलेंजस का सामना कर सकते हैं। सिर्फ फंड्स जारी करने से मक़ासिद पूरे नहीं होंगे बल्कि समाज में पाए जानेवाले मआशी फ़र्क़ को दूर करना होगा।

ज़राअत में सरमायाकारी को फ़रोग़ देने और ज़रई मसारिफ़ में इज़ाफे की तरग़ीब देते हुए उन्होंने कहा कि ज़रई शोबे में भी बड़े पैमाने पर टेक्नीकल तबदीली लाने की ज़रूरत है। जिसके बाद ही ज़रई पैदावार में इज़ाफ़ा होगा।