जम्मू
वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के हिन्दुस्तान के दाख़िली उमूर में दख़ल अंदाज़ी रोकने केलिए आज एक वाज़िह पयाम देते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क अगर ख़ुद अपनी फ़लाह-ओ-बहबूद चाहता है तो वो अपनी शर अंगेज़ सरगर्मीयों को तर्क करे। राजनाथ सिंह ने जम्मू में जन कल्याण प्रो से ख़िताब करते हुए कहा कि पाकिस्तान अगर ख़ुद अपनी भलाई चाहता है तो वो दीगर मुल्कों के दाख़िली मामलात में दख़ल अंदाज़ी बंद करे।
वो (पाकिस्तान) हिन्दुस्तान के तईं अपनी तमाम नापाक और शर अंगेज़ सरगर्मीयों को बंद करे। हिन्दुस्तान के फ़ख़र-ओ-एहतेराम, यकजहती-ओइ-क़तेदार-ए-आला को नुक़्सान पहुंचाने के ख़ाहां अनासिर को सख़्त वार्निंग देते हुए ख़बरदार किया कि हिन्दुस्तान उसे अनासिर को मुंहतोड़ जवाब देगा।
राजनाथ सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान ने बिशमोल पाकिस्तान अपने तमाम पड़ोसियों केलिए दोस्ती का हाथ बढ़ाया लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा पेटा में ख़ंजर घोंपा है। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान को अपनी फ़ौज, नियम फ़ौजी दस्तों और दीगर फोर्सेस पर पूरा भरोसा है। हुकूमत ने हाल ही में मुसल्लह फ़ौज बिलख़सूस बी एस एफ़ को ये वाज़िह अहकाम दिए हैं कि सरहद पार से की जाने वाली किसी भी जारहीयत का पूरी ताक़त और शिद्दत के साथ मुंहतोड़ जवाब दिया जाये।
वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने कहा कि इस्लाम में 72 फ़िरक़े हैं और सारी दुनिया में हिन्दुस्तान के सिवाए ऐसा कोई दूसरा मुल्क नहीं है जहां ये तमाम मुस्लमान एक साथ रहते हैं। दुनिया का पहला गिरजाघर तक़रीबन 2000 साल क़ब्ल केरला में तामीर किया गया।
इस मुल्क में पालिसी बिरादरी को बे इंतेहा-ए-एहतिराम हासिल हुआ। यहूदी कहते हैं कि सारी दुनिया में हिन्दुस्तान ही वाहिद मुल्क है जहां उन पर मज़ालिम नहीं ढाए गए। मर्कज़ ने पेचीदा मसाइल पर मुज़ाकरात के ख्वाहिशमंदों केलिए नरम मौक़िफ़ की पेशकश करते हुए अलाहदगी पसंदों को आज एक सख़्त पैग़ाम दिया और कहा कि हिन्दुस्तानी सरज़मीन पर मुवाफ़िक़ पाकिस्तान नारे लगाने वालों और पाकिस्तानी पर्चम लहराने वालों के ख़िलाफ़ सख़्ती से निमटा जाएगा।
मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला राजनाथ सिंह ने कहा कि हम हर किसी से बातचीत केलिए तैयार हैं। जम्हूरीयत का मतलब यही है कि राबिता के ख़ुतूत खुले रखे जाएं लेकिन हिन्दुस्तानी सरज़मीन पर पाकिस्तानी पर्चम लहराने वालों या मुवाफ़िक़ पाकिस्तान नारे लगाने वालों को हरगिज़ बख्शा नहीं जाएगा।
उन के साथ सख़्ती से निमटा जाएगा। राजनाथ सिंह ने कहा कि रियासती हुकूमत पर ज़ोर दिया गया है कि पाकिस्तान की ताईद में नारे लगाने वालों या पाकिस्तानी पर्चम लहराने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाये और हुकूमत जम्मू-ओ-कश्मीर इन हिदायात पर अमल कररही है।
उन्होंने कहा कि ये देखते हुए वो सख़्त तकलीफ़ महसूस करते हैं कि नौजवानों बिलख़सूस कश्मीर के नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है। राजनाथ ने कहा कि ये देख कर मुझे दुख होता है कि नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है और गुमराह के शिकार नौजवान हिन्दुस्तानी सरज़मीन पर पाकिस्तानी पर्चम लहरा रहे हैं और मुवाफ़िक़ पाकिस्तान नारे लगा रहे हैं।
ये कोई अच्छी बात नहीं है। मैं उसे नौजवानों से अपील करता हूँ कि वो गुमराह ना हूँ। मुल्क की तरक़्क़ी और आगे बढ़ने केलिए हमें सब के तआवुन की ज़रूरत है। राजनाथ सिंह ने कहा कि एक मुल्क में रहते हुए दूसरे मुल्क की मद्हसराई करना इस्लाम और दीगर तमाम मज़ाहिब के उसूलों के मुग़ाइर है।
वज़ीर-ए-दाख़िला ने कहा कि एक मुलक में रहते हुए दूसरे मुल्क की ताईद-ओ-हिमायत करना इस्लाम और हत्ता कि हिंदूमज़हब के उसूलों के ख़िलाफ़ है। चुनांचे इस्लाम और हिंदू धर्म इस बात को क़बूल नहीं करते। उन्होंने कहा कि बी जे पी चाहती है कि जम्मू-ओ-कश्मीर की मख़लूत हुकूमत कामयाब रहे क्योंकि रियासत की तरक़्क़ी के एजंडा पर ये इत्तेहाद किया गया है।
वज़ीर-ए-दाख़िला ने कहा कि हम इस रियासत के अवाम को दरपेश मसाइल से बाख़बर हैं। ख़ाह वो कश्मीरी पंडितों के मसाइलहों कि मग़रिबी पाकिस्तान या पाकिस्तानी मक़बूज़ा कश्मीर के पनाह गज़ीनों के मसाइल हूँ या फिर सरहदी इलाक़ों से नक़ल मुक़ाम करने वालों के मसाइल हूँ हम इन तमाम मसाइल से वाक़िफ़ हैं।
मर्कज़ उन मसाइल पर ग़ौर कररहा है और उन की जल्द यकसूई केलिए काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की बाज़ आबाद कारी केलिए बजट में गुंजाइश रखी गई है। उनकी बस्तीयां बसाने केलिए अराज़ी की निशानदेही की जा रही है। इन तजावीज़ पर जल्द अमल आवरी होगी।