हिन्दुस्तान को जासूसी के लिए अमरीका से सख़्त एहतेजाज करना चाहीए

नई दिल्ली 3 जुलाई ( पी टी आई ) सी पी आई (ऐम ) ने आज हुकूमत से ख़ाहिश की कि वो अमरीका के साथ हिन्दुस्तानी सिफ़ारतख़ाने को अपनी जासूसी की सरगर्मीयों का निशाना बनाने पर सख़्त एहतेजाज करना चाहीए । पार्टी की पोलीट ब्यूरो ने मनमोहन सिंह हुकूमत से मुतालिबा किया कि फ़ौरी तौर पर अमरीकी जासूसी सरगर्मीयों के ख़िलाफ़ सख़्त एहतेजाज किया जाये और उन्हें फ़ौरी रोक देने का मुतालिबा किया जाये ।

बाएं बाज़ू की पार्टी ने कहा कि यू पी ए हुकूमत को चाहीए था कि ऐसी जासूसी और जासूसी आलात की तंसीब के ख़िलाफ़ फ़ौरी सख़्त एहतेजाज करती । पार्टी ने इल्ज़ाम आइद किया कि वज़ीर-ए-ख़ारजा सलमान ख़ुरशीद अमरीकी कार्यवाईयों को जायज़ क़रार देने की कोशिश कररहे हैं ।

पार्टी ने सलमान ख़ुरशीद के बयान का हवाला दिया जिस में उन्होंने कहा था कि ये जासूसी नहीं है सिर्फ़ कालिस के नमूनों का कम्पयूटर के ज़रीये तजज़िया और मुशाहिदा है । इत्तिलाआत में दावे किया गया है कि अमरीकी क़ौमी सयान्ती महिकमा हिन्दुस्तानी सिफ़ारतख़ाना बराए वाशिंगटन के अलावा दीगर 37 ममालिक के सिफ़ारतख़ानों में जासूसी आलात नसब करके जासूसी कार्यवाईयों में मुलव्विस था ।

इन्किशाफ़ किया गया था कि अमरीका इंटरनैट और टेलीफ़ोन की मालूमात बड़े पैमाने पर हिन्दुस्तान से हासिल करचुका है । हिन्दुस्तान के वज़ीर-ए-ख़ारजा को इस बात की कोई फ़िक्र नहीं है कि अमरीकी महिकमा सुराग़ रसानी ने हिन्दुस्तानी सिफ़ारतख़ाना बराए वाशिंगटन में जासूस आलात नसब किए थे ।

सी पी आई एम की पोलीट ब्यूरो के बयान में कहा गया है कि वज़ीर-ए-ख़ारजा का तबसरा शर्मनाक है और एक ऐसे वक़्त मंज़रे आम पर आया है जबकि अमरीका के क़रीब तरीन हलीफ़ ममालिक जर्मनी और फ़्रांस ने इन ममालिक की जासूसी करने पर अमरीका से शदीद एहतेजाज किया ।