हिन्दुस्तान को फ़िलहाल दाइश से ख़तरा नहीं

जम्मू: अस्करीयत पसंद तंज़ीम दाइश पाकिस्तानी मक़बूज़ा कश्मीर में अपने क़दम जमाने की कोशिश में है। एक सीनियर फ़ौजी ओहदेदार ने बताया कि हमें दस्तयाब खु़फिया इत्तेलाआत के मुताबिक़ मक़बूज़ा कश्मीर में दाइश इस क़दर ताक़तवर नहीं हुई है कि दूसरों के लिए ख़तरा बन सके लेकिन अपने क़दम जमाने की मुम्किना कोशिश में है।

मीडिया में शाय इन ख़बरों पर कि मक़बूज़ा कश्मीर में इस्लामिक स्टेट से दरपेश ख़तरा और जम्मू-कश्मीर में ये तंज़ीम सर उभार रही है। अपना रद्द-ए-अमल ज़ाहिर करते हुए जनरल ऑफीसर कमांडिंग 16 कॉर्प्स, लेफ्टेनेंट‌ जनरल के ऐच सिंह ने बताया कि सरहद के उस पार पैरनेचाल रेंज में 36 लॉन्च पयाड से तक़रीबन 250 अस्करीयत पसंद घुसने की तैयारी में हैं और पाकिस्तानी सरहदों के अंदर दहशतगरदों के तर्बीयती कैंपस भी चलाए जा रहे हैं।

फ़ौज ने ब्रिगेडिय‌र मुहम्मद उसमान की क़ुर्बानी की याद में जुमा को यहां यौम जहांगेरा मनाया जिन्होंने 1947-48 -ए-के दौरान ज़िला राजौरी के नौशेरा सैक्टर में अपनी जान निछावर करदी थी। ब्रिगेडिय‌र मुहम्मद उसमान ने नौशेरा पर दुबारा क़बज़ा और जहांगेरा में लड़ाई के दौरान बहैसीयत कमांडर 50 पैराशूट ब्रिगेड कलीदी रोल अदा किया था जिस के बाइस उन्हें नौशेरा का शेर का ख़िताब दिया गया और बादाज़ मर्ग महावीर चक्र ऐवार्ड पेश किया गया।