हिन्दुस्तान ने दुनिया को फ़िर्कापरस्ती नहीं दी : वज़ीर-ए-आज़म

मुंबई: हिन्दुस्तान ने दुनिया को फ़िर्कापरस्ती नहीं बल्कि सिर्फ़ रूहानियत दी है। वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि सुन्नत और दीगर उल्मा ने हमेशा क़ौमी धरम का पालन किया है। मोदी ने नामवर जैन राहिब आचार्य रत्नसुंदरसूरि महाराज की 300वीं किताब की रस्म निक़ाब कुशाई वीडियो कान्फ़्रेंस के ज़रिये अंजाम देते हुए कहा कि साबिक़ सदर जम्हुरिया एपी अब्दुलकलाम हिन्दुस्तान के रुहानी विरसा-ए-में यक़ीन रखते थे।

उन्होंने कहा था कि इस से आलम-ए-इंसानियत को उसे दरपेश बड़े चैलेंजों से निमटने का मौक़ा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया अभी ये समझने के काबिल नहीं हुई है कि हिन्दुस्तान ने दुनिया को फ़िर्कापरस्ती नहीं बल्कि फ़िर्कावाराना हम-आहंगी का सबक़ दिया है।

दुनिया को फ़िर्कापरस्ती के बजाय रूहानियत का तोहफ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि बाज़-औक़ात बिरादरी मसाइल पैदा करती है लेकिन रूहानियत उन मसाइल का हल फ़राहम करती हैं। मोदी ने कहा कि जैन राहिब एक अज़ीम समाजी मुसल्लेह और रुहानी क़ाइद थे जिन्हों ने तमाम नज़रियात और उन के मक़ासिद अपनी मुख़्तलिफ़ किताबों के ज़रिया पूरी कायनात को फ़राहम किए हैं।