नई दिल्ली: हिन्दुस्तान में जारिया साल जुमला 136ज़लज़ले के झटके महसूस किए गए ताहम गुज़िशता 3 अशरों के आदाद-ओ-शुमार से पता चला है कि ज़लज़लों की शरह में कमी-ओ-बेशी नहीं हुई है। वज़ीरे आराज़ीयात साईंस मिस्टर हर्षवर्धन ने आज लोक सभा में बताया कि जिन इलाक़ों में ज़लज़ले के ख़तरात का इमकान रहता है उन्हें ज़ोन वारी सतह पर मुनक़सिम किया गया ताकि किसी भी नागहानी सूरत-ए-हाल से निमटने के लिये फ़ील-फ़ौर इक़दामात किए जा सकें।
उन्होंने एक तजज़ियाती रिपोर्ट के हवाले से कहा कि इंडियन प्लेट ( ज़मीनी परत ) हर साल 5 सनटी मीटर शुमाल मशरिक़ की सिम्त हटते जा रही है। उन्होंने बताया कि नेपाल में 25 अप्रेल को पेश आए ज़लज़ले के ज़ेरे असर हिन्दुस्तान में भी 102 अम्वात हुई हैं। जब कि 13000 मकानात मुनहदिम हो गए।