नई दिल्ली, अप्रेल: जारिया साल फ़रवरी के महीने में हिन्दुस्तान में डोमेस्टिक फ़िज़ाई ट्राफिक में गुज़िश्ता साल फ़रवरी के मुक़ाबले कमी हुई। इस मुद्दत के दौरान डोमेस्टिक परवाज़ों में इस्तिमाल किए जाने वाले तय्यारों में जुमला गुंजाइश के बरअक्स एक तिहाई नशिस्तें ख़ाली हुआ करती थीं ग्लोबल एयर लाईन्ज़ बॉडी IATA ने ये बात बताई। अपने आलमी सतह पर पेश किए जाने वाले मुसाफ़िरों की औसत के नताइज में इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसी एष्ण (IATA) ने बताया कि हिन्दुस्तान में डोमेस्टिक फ़िज़ाई ट्राफिक में माह फ़रवरी तक 9.1 फ़ीसद की कमी हुई।
यहां इस बात का तज़किरा दिलचस्प है कि ये कमी इन हक़ायक़ के बावजूद रौनुमा हुई है कि गुज़िश्ता साल फ़रवरी के मुक़ाबले जारिया साल फ़रवरी में बैनुल अक़वामी फ्लाइट्स में मुसाफ़िरों के तनासुब में 3.7 फ़ीसद का इज़ाफ़ा हुआ। याद रहे कि मुसाफ़िरीन तय्यारों के निज़ामुल औक़ात में ताख़ीर इज़ाफ़ा शूदा किरायों नाक़िस आन बोर्ड ख़िदमात और ख़ुसूसी तौर पर फ़िज़ाई मेहमान नवाज़ी के फ़ुक़दान से नालां हैं।
एक ज़माना था कि बैनुल अक़वामी परवाज़ों के इलावा डोमेस्टिक परवाज़ों में भी चाय और दीगर लवाज़मात पेश किए जाते थे,लेकिन अब हाल ये है कि एयर इंडिया ने बैनुल अक़वामी परवाज़ों के लिए ये तजवीज़ रखी है कि मुसाफ़िरों को सिर्फ़ अस्ना किस दिए जाएंगे जबकि Full Meal के ख़ाहां मुसाफ़िरीन को अलैहदा से पैसे अदा करने होंगे यानी किराए की रक़म में ताम शामिल नहीं होगा। डोमेस्टिक परवाज़ों में भी मुसाफ़िरीन को सिर्फ़ पानी की एक बोतल थमाकर बहलाया जा रहा है और अब उन की क़िस्मत में चाय की एक प्याली तक नहीं। इन ही हक़ायक़ को मद्द-ए-नज़र रखते हुए अगर डोमेस्टिक परवाज़ों में मुसाफ़िरीन की कमी हुई है तो ये कोई हैरत की बात नहीं।