हिन्दुस्तान में वक़्त से पहले मानसून ?

हैदराबाद 23 अप्रैल: हिन्दुस्तान में जारीया साल मानसून की बारिशों का वक़्त से पहले आग़ाज़ होसकता है । कोचीन यूनीवर्सिटी आफ़ साईंस-ओ-टैक्नालोजी के पी वि जोज़िफ ने पेश कियासी की है कि जारीया साल जुनूब मग़रिबी मानसून साहिल केराला से अपने मुक़र्ररा वक़्त से सात ता दस दिन पहले टकरा सकता है।

प्रोफेसर जोज़िफ महिकमा मौसमियात के साबिक़ा डायरेक्टर हैं। उन्होंने कहा कि मशरिक़ी हिन्दुस्तान में ज़मीन के और समुंद्र के दर्जा हरारत की बुनियाद पर ये पेश कियासी की है और कहा कि मुल्क में बारिश का आग़ाज़ क़बल अज़ वक़्त होसकता है।

इस के अलावा उन्हों ने कहा कि जुनूबी हिन्दुस्तान में अब्र भी शुमाल की तरफ फैल रहा है जिस के नतीजे में बारिश का आग़ाज़ होसकता है।

जुमा को महिकमा मौसमियात ने अपनी पेश कियासी का तवील इंतेज़ार के बाद इफ़शा किया था और कहा था कि जारीया साल मामूल के मुताबिक़ बारिश होसकती है।

महिकमा मौसमियात का कहना है कि पिछ्ले साल मामूल से कम बारिश हुई थी । ये बारिश पिछ्ले 37 साल में सब से कम थी ताहम जारीया साल एसा होना मुम्किन नहीं है।

इस के अलावा प्रोफेसर जोज़िफ का कहना है कि उन्होंने सुपर कंप्यूटर की मदद से आदाद-ओ-शुमार का जायज़ा लिया है और उन्हें उम्मीद है कि पिछ्ले साल की तरह इस साल बारिश कम होने का इमकान नहीं है।

उन्होंने कहा कि वो पसिफ़िक ओशियन के समुंद्री दर्जा हरारत को भी नज़र में रखे हुए हैं और वो भी इस साल बारिश के क़बल अज़ वक़्त आग़ाज़ के लिए साज़गार है ।

सीज़न यह मानसून की बारिश ज़ेली बर्र-ए-आज़म में जुनूब और मशरिक़ के इलाक़ों से माह जून के अवाइल में शुरू होती है और फिर ये माह जुलाई तक सारे इलाके में फैल जाती है।

माह सितंबर के ख़त्म के साथ ही मानसून का इख़तेताम अमल में आता है । कुछ ख़ानगी गोशों की तरफ से भी जारीया साल मामूल के मुताबिक़ जुनूब मग़रिबी मानसून की पेश कियासी की जा रही है।

कहा गया है कि आलमी सतह पर मौसम के जो मौजूदा हालात हैं उन को देखते हुए ये उम्मीद की जा रही है कि जारीया साल बारिश मामूल के मुताबिक़ होगी और कम नहीं होगी।