इस्लामाबाद: पाकिस्तान की हिन्दू औरतों के लिए ख़ुश ख़बरी है. देश की नेशनल असेंबली में हिन्दूओं के अधिकार के सन्दर्भ में एक बिल सोमवार को पास कर दिया गया और उम्मीद है कि सीनेट में भी ये बिल जल्दी ही पास हो जाएगा.
इस बिल के मुताबिक़ हिन्दू शादियाँ रजिस्टर हो सकेंगी जो कि पहले नहीं था. ऑफिसियल रजिस्ट्रेशन ना होने की वजह से हिन्दू औरतों को समस्याओं का सामना करना पड़ता था और तलाक़ की स्थिति में उनके अधिकारों की सुनवाई नहीं हो पाती थी.
पाकिस्तान की आबादी 19 करोड़ है जिसमें से 1.6% हिन्दू हैं. शादी के लिए हिन्दुओं की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होगी जबकि बाक़ी धर्म के लोगों के लिए ये 18(लड़कों के लिए) और 16(लड़कियों के लिए) है.
इस बिल के पास होने के बाद मानव अधिकार समर्थकों ने ख़ुशी ज़ाहिर की.पाकिस्तान में मानव अधिकार कमीशन की अध्यक्ष ज़ोहरा युसुफ़ ने कहा कि जब भी कोई ज़बरदस्ती शादी हो इसकी पड़ताल बहुत ज़रूरी है. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को ये शिकायत रही है कि उनकी कोई नहीं सुनता, अदालतें भी नहीं.. उनकी ये शिकायत कुछ हद तक दूर होगी.