हिन्द-चीन के लिए एक साथ उरूज की काफ़ी गुंजाइश मौजूद

(ज़हीर उद्दीन अली ख़ान) दुनिया में हिंदुस्तान और चीन के एक साथ उरूज के लिए काफ़ी गुंजाइश मौजूद है। नायब सदर जम्हूरीया हिंद मुहम्मद हामिद अंसारी ने आज कहा कि दोनों पड़ोसी ममालिक बाहमी ताल्लुक़ात के उबूरी दौर से गुज़र रहे हैं। दोनों ममालिक बाहमी मुफ़ादात में एक दूसरे के शराकतदार हैं, हरीफ़ नहीं। उन्हों ने कहा कि दुनिया की आबादी का दोनों ममालिक का मजमूई आबादी 37% हिस्सा है।

इस तरह वो आलमी निज़ाम में ज़्यादा जम्हूरी हैं, और आलमी मसाइल की यक्सूई में मुसावी हिस्सा अदा कर सकते हैं। वो बावक़ार चीनी अकेडमी बराए सोशल साईंस में तक़रीर कर रहे थे। उन्हों ने कहा कि दुनिया को दोनों ममालिक की आम तरक़्क़ी की ज़रूरत है, क्योंकि दोनों वसीअ तरक़्क़ी पज़ीर ममालिक हैं और उन के मुशतर्का मुफ़ादात उन के बाहमी इख़तिलाफ़ात पर ग़लबा रखते हैं।

हामिद अंसारी ने कहा कि हिंदुस्तान तरक़्क़ी के एतबार से चीन के कारनामों की सताइश करता है और उम्मीद करता है कि मुल्क बहुत जल्द तरक़्क़ी याफ़्ता मुल्क कहलाएगा।

इस दौरे का मक़सद बुद्ध मत के मख़तूतात को चीन मुंतक़िल करना था। और चीनी ज़बानों में बैयकवक़्त शाय किया गया है और इस में 700 से ज़्यादा इंदिराजात हैं।