हिन्द- सऊदी दिफाई मुआहिदा

हिंदुस्तान और सऊदी अरब में बाहमी ताल्लुक़ात में नई जिहत अता करने की सिम्त क़दम उठाते हुए दिफ़ाई तआवुन मुआहिदा पर दस्तख़त किये।

सलामती की शोबों में दोनों ममालिक ने अपनी हिक्मत-ए-अमली की शराकतदारी को मज़ीद मुस्तहकम बनाया है। इस मुआहिदा पर सऊदी अरब के वलीअहद शहज़ादा सलमान बिन अबदुलअज़ीज़ अल सऊद और नायब सदर जम्हूरिया हामिद अंसारी के दरमियान बातचीत के बाद दस्तख़त की गई।

इस मुलाक़ात में दोनों सरबराहों ने बाहमी, इलाक़ाई और बैन-उल-अक़वामी मसाइल पर तबादला-ए-ख़याल किया। दिफ़ाई तआवुन मुआहिदे से दिफ़ा से मरबूत मालूमात, फ़ौजी तर्बीयत और तालीम के शोबों में एक दूसरे से तआवुन करने की इजाज़त हासिल होगी।
क़ब्ल अज़ीं इस दौरा की अहमियत को मद्दे नज़र रखते हुए नायब सदर जम्हूरिया हामिद अंसारी ने एयरपोर्ट पहुंच कर वलीअहद शहज़ादा सलमान बिन अबदुलअज़ीज़ का खैरमक़दम किया है जो तीन रोज़ा दौरे पर हिंदुस्तान आए हैं।

सऊदी अरब की जानिब से जनवरी 2006 में ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन सऊदी फ़रमांरवा शाह अबदुल्लाह बिन अबदुलअज़ीज़ अल सऊद के तारीख़ी दौरा के बाद ये सब से बड़ा आला सतही सयासी दौरा है। इल्ल सऊद जो सऊदी अरब के नायब वज़ीर-ए-आज़म और वज़ीर-ए-दिफ़ाअ भी हैं, वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह, वज़ीर-ए-दिफ़ाअ ए के अनटोनी और वज़ीर-ए-ख़ारजा सलमान ख़ुरशीद से भी मुलाक़ात करेंगे। वलीअहद शहज़ादा सदर जम्हूरिया प्रणब मुखर्जी से भी मुलाक़ात करने वाले हैं।

इस दौरे से तवक़्क़ो है कि हिंदुस्तान और सऊदी अरब के दरमियान ताल्लुक़ात में ताज़गी पैदा होगी। दोनों ममालिक तवक़्क़ो है कि दिफ़ाई तआवुन मुआहिदा को क़तईयत देंगे। सऊदी अरब हिंदुस्तान का चौथा सब से बड़ा तिजारती दोस्त मुल्क है, जिसकी बाहमी तिजारत साल 2012-13 में 43 बिलीयन अमरीकी डालर रिकार्ड सतह तक पहुंची थी। सऊदी अरब हिंदुस्तान को ख़ाम तेल सरबराह करने वाला सब से बड़ा मुल्क है। हिंदुस्तान से सऊदी अरब को मादिनी, ईंधन, दालें, लोहा, ख़ाम लोहा और आरगैनिक कैमिकल्स बरामद किए जाते हैं जबकि हिंदुस्तान सऊदी अरब से ख़ाम तेल, प्लास्टिक और उस की अशिया के इलावा फ़र्टीलाइज़र्स, अल्यूमोनीयम और चमड़ा दरआमद करता है। सऊदी अरब में हिंदुस्तान के शहरियों की कसीर तादाद मुक़ीम है। वलीअहद शहज़ादा के हमराह आला सतही वफ़द जिन में का बीनी वुज़रा और सीनीयर वुज़रा शामिल हैं।