जमियत उलमा हिन्द के क़ौमी सदर मौलाना सैय्यद अरशद मदनी नेमरकज़ी हुकूमत और बीजेपी-संघ पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा हिन्दू मुल्क बनने के हालात में मुल्क एक बार फिर टूटने से बच नहीं सकेगा।
क़ौमी यकजहती कॉन्फ्रेंस (जलसा) में सदारत करने मौलाना जुमेरात की रात वाराणसी पहुंचे। जलसे में शामिल होने से पहले मौलाना ने कहा मरकज़ में मोदी की हुकूमत बनने के बाद जो कुछ हो रहा है, उससे मुल्क की सेक्युलर धर्मनिरपेक्ष छवि को नुकसान पहुंच रहा है।
संघ की सरगर्मी से असली सूरत सामने आने से मुल्क के संजिदा तबके की सोच बदलने का ही नतीज़ा दिल्ली का इंतेखाबात का रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मरकज़ी हुकूमत के अब तक के दौर ए इक्तेदार में जो कुछ हुआ, उसपर पीएम मोदी की चुप्पी से उनका भी असली चेहरा सामने आ गया है।
अब जब बिहार-यूपी में इंतेखाबात का वक्त आया, तब पीएम के बयान की असलियत को लोग अच्छी तरह समझ चुके हैं।
मौलाना मदनी ने गाय के जिबह करने पर रोक के लिए कानून बनाए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि कानून बनाने से गाय के जिबह रुक जाए तो अच्छी बात है, लेकिन ऐसा होना मुम्किन नहीं दिख रहा है। मुल्क के कई रियासतों में गाय के जिबह खुलेआम हो रहा है और लोग गाय का गोश्त खा रहे हैं।
अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों को रिजर्वेशब और फसाद के लिए कानून बनाने की सिम्त में एसपी हुकूमत ने अब तक कुछ नहीं किया। मजहब की बुनियाद पर न सही बैकवर्ड मानते हुए ही मुसलमानों को रिजर्वेशन का फायदा तब भी कुछ समझ में आता।