हिमाचल प्रदेश के ज़िला मंडी में दरयाए ब्यास में ग़र्क़ाब होजाने वाले तलबा में 17 की लाशों की तलाश का काम जारी है लेकिन सात दिन गुज़र जाने के बावजूद अभी तक भी लाशों का पता नहीं चलाया जा सका है।
बड़े पैमाने पर तलाशी मुहिम जारी है और इस में असरी आलात की मदद भी ली जा रही है। हैदराबाद के एक इंजीनीयरिंग कॉलेज से ताल्लुक़ रखने वाले जुमला 24 तलबा दरयाए ब्यास में 8 जून को ग़र्क़ाब होगए थे।
असरी टेक्नालोजी से लैस इको साउंड आला की ख़िदमात आज हासिल की गईं और इस के नतीजे में नदी की तहा तक पहूंचने में मदद मिली है ताहम लाशें हनूज़ दस्तयाब नहीं होसकी हैं।
अभी 16 इंजीनीयरिंग तलबा और एक टूर ऑप्रेटर की लाश मिलनी बाक़ी है। ओहदेदारों ने ये बात बताई और कहा कि अभी तक बचाओ टीमों की तरफ से सिर्फ़ आठ लाशें निकाली जा सकी हैं। नेशनल डीज़ासटर रेस्पांस टीम के कमांडिंग ऑफीसर जए दीप सिंह ने बताया कि हम ने असरी टेकनलोजी से लैस साईड इस्कान सोनार को इस्तेमाल किया है ताकि दरिया की तहा की तसावीर भी ली जा सकीं।
इस आला की मदद से दरिया की तहा की अच्छी तसावीर दस्तयाब हुई हैं लेकिन इन में लाशों का पता नहीं चल रहा है। ये असरी आला एक हसोसी निज़ाम पर मुश्तमिल है जिस की मदद से समुंद्र की तहा पर या दरिया की तहा में मौजूद अश्या का पता चलाया जा सकता है और हाईड्रो ग्राफ़िक सर्वे किए जाता है।
कहा गया हैके आज पहली मर्तबा पंडोह डयाम से दरयाए ब्यास के 10 मीटर के हिस्से की आज पहली मर्तबा ये आला इस्तेमाल करते हुए इस्कानिंग की गई ताहम इस का भी कोई नतीजा नहीं निकल सका है। आज मुसलसिल तीसरा दिन था जब कोई भी लाश दस्तयाब नहीं होसकी है।
अब तक जो लाशें दस्तयाब हुई हैं वो हादसे के मुक़ाम से तीन कीलोमीटर के अंदर ही या तो चट्टानों में फंसी हुई पाई गईं या कीचड़ में धँस गई थीं।
हैदराबाद के विग्यान ज्योति इंस्टीटियूट आफ़ इंजीनीयरिंग ऐंड टेक्नालोजी के तलबा मनाली को तफ़रीह पर गए हुए थे कि 8 जून को दरिया में तस्वीरकशी के दौरान उस वक़्त 24 तलबा बह गए थे जब हुक्काम ने वहां अचानक ही पानी छोड़ दिया था।