बेरूत, १८ सितंबर (ए पी) हिज़्बुल्लाह के रहनुमा (Hezbollah chief Hassan Nasrallah) अहानत आमेज़ ( अपमान करने वाली ) फ़िल्म के ख़िलाफ़ बेरूत में निकाली गई ज़बरदस्त रैली के मौक़ा पर अवाम के सामने पेश हुए। शेख़ हसन नसरूल्लाह 2006 में इसराईल के साथ एक माह तवील ( लंबे समय) जंग के बाद से रुपोश (छिपे) हैं और आम तौर पर वो इमकानी हमलों के पेशे नज़र अवाम के सामने पेश नहीं होते हैं।
ताहम वो सेटेलाईट राबिता के ज़रीया न्यूज़ कान्फ्रेंस का एहतिमाम करते और अपने हामीयों को पयाम देते रहते हैं। आज बेरूत में हज़ारों अफ़राद इस अहानत आमेज़ ( इस्लाम का अपमान करने वाली) फ़िल्म के ख़िलाफ़ सड़कों पर निकल आए और शेख़ हसन नसरूल्लाह ने तक़रीबन 15 मिनट उन से ख़िताब किया। इस मौक़ा पर उन के हामीयों ने पुरजोश नारे लगाए।
हसन नसरूल्लाह दिसमबर 2011 में यौम आशूरा (मोहर्रम की दसवीं तारीख) के मौक़ा पर आख़िरी मर्तबा अवाम के सामने पेश हुए थे। आज उन्होंने अपनी तक़रीर में इस फ़िल्म की सख़्त मुज़म्मत करते हुए मुज़ाहिरे जारी रखने का ऐलान किया। इस दौरान बेरूत में एहतिजाजी मुज़ाहिरों के पेशे नज़र अमेरीकी सिफ़ारतख़ाना में हुक्काम ने कई दस्तावेज़ात को एहतियाती इक़दाम ( कार्य/ कामो) के तौर पर नज़र-ए-आतिश कर ( जला) दिया है।
स्टेट डिपार्टमेंट की रिपोर्ट में बताया गया है की बेरूत सिफ़ारतख़ाना में हंगामी इक़दामात के तौर पर वहां मौजूद अहम दस्तावेज़ात को नज़र-ए-आतिश करना शुरू कर दिया गया है। वाशिंगटन में स्टेट डिपार्टमेंट के ओहदेदार ने कहा कि बेरूत में वाक़्य सख़्त सिक्योरीटी के हामिल ( हमले हुए) सिफ़ारतख़ाना को फ़ौरी तौर पर कोई ख़तरा नहीं है।