अमीर जमाते इस्लामी सिराजुल हक़ का कहना है कि हुकूमत और तहरीके इंसाफ़ दिल बड़ा कर के मुज़ाकरात की मेज़ पर बैठें, हुकूमत का धांदली साबित होने पर इस्तीफ़ा का अह्द ख़ुश आइंद है। अह्द तोड़ा तो इंसाफ़ पसंद क़ुव्वतें तहरीके इंसाफ़ का साथ देंगी।
मंसूरा लाहौर में मुख़्तलिफ़ वफ़्द से गुफ़तगु करते हुए अमीर जमाते इस्लामी का कहना था कि हुकूमत और तहरीके इंसाफ़ इख़्तिलाफ़ात भुला कर मुज़ाकरात करें, हुकूमत ने धांदली साबित होने पर मुस्ताफ़ी होने का एलान किया है।
पाकिस्तान तहरीके इंसाफ़ भी हुकूमत पर एतेमाद करे और धांदली सामने आने पर हुकूमत के लिए किसी दिल में रहम नहीं होगा, उन का कहना था कि चीफ़ इलेक्शन कमिशनर के तक़र्रुर पर शफ़्फ़ाफ़ इलेक्शन की उम्मीद बंधी है, जूडीशियल कमीशन की तहक़ीक़ात से इंतिख़ाबी निज़ाम के कारनामे सामने आ जाएंगे।
सिराजुल हक़ का कहना था कि इलेक्शन कमीशन के जिन अफ़सरों पर तहफ़्फुज़ात ज़ाहिर किए गए हैं उन्हें फ़ारिग़ कर देना चाहिए, मुआमलात निमटाने में ताख़ीर हुकूमत के लिए नुक़्सानदेह होगी।
इस्लामाबाद से मौसूला इत्तिला के बामूजिब हुकूमते पाकिस्तान ने अपोज़ीशन क़ाइद इमरान ख़ान से अपील की है कि अपने हुकूमत मुख़ालिफ़ एहतेजाजी मुज़ाहिरे तर्क कर दें और बात चीत की मेज़ पर आ जाएं ताकि बात चीत ख़ुशगवार माहौल में दोबारा शुरू की जा सके।
एहतेजाजी मुज़ाहिरे और मुज़ाकरात साथ साथ नहीं हो सकते। पाकिस्तान के वज़ीरे इत्तिलाआत परवेज़ राशिद ने कल वफ़ाक़ी मजलिसे आमिला के एक ग्रुप से ख़िताब करते हुए ये बात कही थी।
इस इजलास में पाकिस्तान फेड्रल यूनीयन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स का एक ग्रुप शरीक था। एक और एहतेजाजी क़ाइद ताहिरुल क़ादरी हुकूमत मुख़ालिफ़ एहतेजाज तर्क कर के कैनेडा वापिस जा चुके हैं जहां की उन को शहरियत हासिल है।