हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के सदर असदुद्दीन ओवैसी ने मरकज़ की हुकूमत से अयोध्या में आलीशान राम मंदिर की तमीर के लिए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की तरफ से वहां पत्थर व खंभे लाए जाने के काम पर रोक लगाने की गुजारिश किये और कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक किसी भी सरगर्मियो की मंजूरी नहीं दी जा सकती.
हैदराबाद से एमपी ओवैसी ने कहा कि विहिप, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), बजरंग दल व किसी दूसरे तंज़ीम को किसी भी तरह की कार्रवाई से रोकने के लिए फौरन कदम उठाना चाहिए.
मिलाद-उन-नबी के मौके पर एमआईएम की तरफ से मुनाकिद एक आवामी इजलास से खिताब करते हुए ओवैसी ने कहा कि, “हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक हुकूम अपने जोकरों पर लगाम लगाएगी.”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) को पत्थरों को जब्त कर लेना चाहिए था. ओवैसी ने कहा, “ऐसा लगता है कि वहां नूरा-कुश्ती (सपा व विहिप के बीच मंसूबा बंद लड़ाई) चल रही है.”
संघ की चीफ मोहन भागवत के बयान की ओर इशारा करते हुए ओवैसी ने पूछा कि उनकी ज़िंदगी क्या सुप्रीम कोर्ट की शफ्फाफियत (Clearness) से ज्यादा अहम है. भागवत ने एक बयान में कहा था कि वह अपनी ज़िंदगी में अयोध्या में आलीशान राम मंदिर देखना चाहते हैं.
ओवैसी ने हिंदुस्तान के मुसलमानों को इस्लामिक स्टेट (आईएस) की तरफ से इंटरनेट पर फैलाई जा रही तश्हीर से न घबाराने और अपनी ताकत को वकील, आईपीएस आफीसर व डाक्टर बनने में लगाने की सलाह दी.