अब जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली में हुकूमत तशकील देने के अमल से दूर है और इस केलिए अवामी राय की मुंतज़िर है, शिवसेना ने अरविंद केजरीवाल की इस हरकत को ग़ैर जम्हूरी क़रार दिया और अवाम से अपील की कि हुकूमत की तशकील से राह फ़रार इख़तियार करने वाले केजरीवाल से होशियार रहें।
शिवसेना के तर्जुमान अख़बार सामना में एक ईदारिया तहरीर करते हुए उन्होंने कहा कि हुकूमत तशकील देने केलिए कभी हाँ कभी ना का मौक़िफ़ सिर्फ एक नौटंकी है जबकि कांग्रेस ने आम उदमी पार्टी की ग़ैरमशरूत ताईद का भी ऐलान किया है लेकिन इसके बावजूद केजरीवाल दिल्ली में हुकूमत तशकील देने तय्यार नहीं।
याद रहे कि दिल्ली इंतिख़ाबात में आम पार्टी दूसरी सब से बड़ी कामयाब पार्टी की सूरत में सामने आई थी और इंतिख़ाबी नताइज ने सियासी तजज़िया निगारों को भी हैरतज़दा करदिया था। अपने पहले ही इलेक्शन में बगैर किसी ज़ाइद सरमाए और मुहिम के आम आदमी पार्टी ने 28 नशिस्तों पर क़बज़ा करते हुए शीला दिक्षित को मात दी।
फ़िलहाल वो अवाम की राय की मुंतज़िर है कि आया कांग्रेस की बैरूनी ताईद की बुनियाद पर हुकूमत तशकील दी जाये या नहीं। इसे पहले उसने कांग्रेस और बी जे पी को अपने 18 मांग की एक फेहरिस्त भी हवाले की थी जिन में इन नकात पर दोनों पार्टियों की राय तलब की गई थीं जो दोनों ही पार्टियों के मुफ़ाद में नहीं थे। उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर कहा कि अवाम की राय मालूम करने के बाद दिल्ली में हुकूमत तशकील देने केजरीवाल का फ़लसफ़ा ग़ैर जम्हूरी है।
अवाम ने तो अपनी राय अपने वोटों के ज़रिया आम आदमी पार्टी के हक़ में दीदी। अब केजरीवाल मज़ीद किस राय के मुंतज़िर हैं। उन की ये हरकत बिलकुल बचकाना है और उसे हम केजरीवाल और उनके साथियों की सूरत-ए-हाल से फ़रार इख़तियार करने की कोशिश से ताबीर करसकते हैं। केजरीवाल और उनके साथियों ने मुल्क में इन्क़िलाब लाने के दावे किए थे लेकिन ऐसा मालूम होता है कि इन्क़िलाब की चिनगारियां दिल्ली में ही सर्द होचुकी हैं।
उद्धव ठाकरे ने केजरीवाल को मश्वरा दिया कि वो दीगर सियासी जमातों को मश्वरे देने का सिलसिला बंद करें।