हुकूमत की मुख़ालिफ़त और मुल्क से ग़द्दारी में फ़र्क़ महसूस करें: कन्हैया कुमार

हैदराबाद 25 मार्च: हुकूमत की मुख़ालिफ़त और मुल्क की मुख़ालिफ़त में फ़र्क़ महसूस करने की ज़रूरत है। देशभक्ति और मोदी भक्ती में जिस तरह फ़र्क़ मिटाने की कोशिश भक्त कर रहे हैं, इसी तरह हुकूमत और मुल्क की मुख़ालिफ़त को यकसाँ ज़ाहिर करने की कोशिश की जा रही है जोकि मुल्क के निज़ाम के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है।

जवाहरलाल नेहरू यूनीवर्सिटी यूनीयन सदर कन्हैया कुमार ने सुंदरिया विग्नान केंद्र में मुनाक़िदा प्रेस कांफ्रेंस स से ख़िताब के दौरान ये बात कही। उन्होंने बताया कि जो लोग मुल्क के जमहूरी इक़दार को बिगाड़ना चाहते हैं, उनके ख़िलाफ़ स्टूडेंट्स की ये जद्द-ओ-जहद जारी रहेगी। कन्हैया कुमार ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू यूनीवर्सिटी में जो एहतेजाज जारी है, वो दरहक़ीक़त हैदराबाद सेंट्रल यूनीवर्सिटी (एचसीयू) से शुरू हुआ एहतेजाज ही है। हुब्ब-उल-व्तनी के इज़हार के लिए ये ज़रूरी है कि हम पहले वतन की तशरीह करें क्युं कि जो लोग हुब्ब-उल-व्तनी का सबूत मांग रहे हैं, वो वतन की तशरीह ग़लत-अंदाज़ में करते हुए अवाम में तफ़रीक़ पैदा कर रहे हैं जबकि हक़ीक़त ये है कि दस्तूर में जो पहली सतर तहरीर की गई है, इस में लिखा गया है कि We the people of India ये सतर वाज़िह करती है कि हिन्दुस्तान किया है लेकिन समाजी अदम मुसावात, मज़हबी मुनाफ़िरत, कहतसाली, किसानों की ख़ुदकुशी, हुकूमत की सरपरस्ती में होने वाले मज़ालिम के ज़रीये इस तशरीह को बिगाड़ा जा रहा है।