हुकूमत की सरपरस्ती में मज़हबी तहवारों का एहतेमाम

हैदराबाद तेलंगाना हुकूमत ने मुख़्तलिफ़ तहवारों को सरकारी सतह पर मनाने का फ़ैसला किया जिस में बोनाल और बतकमां शामिल हैं। हुकूमत के इस फ़ैसले ने तेलंगाना के सरकारी दफ़ातिर में काम काज को बुरी तरह मुतास्सिर कर दिया है।

सरकारी सतह पर सारे तेलंगाना में बतकमां तहवार 23 सितंबर ता 01 अक्टूबर मनाने का फ़ैसला किया गया। इस सिलसिले में तमाम मह्कमाजात को हिदायत दी गई कि वो अपने हर दफ़्तर में बतकमां प्रोग्राम का इन अय्याम में बाक़ायदगी के साथ एहतेमाम करें।

हुकूमत ने इस फेस्टिवल में ख़ातून ओहदेदारों और मुलाज़िमीन की शिरकत को यक़ीनी बनाने के लिए इन अय्याम में उन्हें दफ़ातिर से दो घंटे पहले यानी 3 बजे रवानगी की इजाज़त दी है।

इस सिलसिले में प्रिंसिपल सेक्रेटरी अजय मिश्रा की तरफ से तमाम मह्कमाजात, कार्पोरेशनों और दुसरे सरकारी इदारों को बाक़ायदा सरकूलर जारी करते हुए ख़ातून मुलाज़िमीन को 3 बजे दफ़्तर से जाने की इजाज़त देने की हिदायत दी गई।

फेस्टिवल के आग़ाज़ से तमाम सरकारी दफ़ातिर में ख़वातीन 3 बजे अपने मुक़र्ररा ज़िम्मेदारीयों को तर्क करते हुए दफ़्तर से रवाना होरही हैं। कई दफ़ातिर में रोज़ाना शाम में बतकमां प्रोग्राम मुनाक़िद किया जा रहा है। सरकारी दफ़ातिर में ख़िदमात अंजाम देने वाले मर्द मुलाज़िमीन ख़वातीन को दी गई उस रियायत से नाख़ुश हैं, इन का कहना हैके तमाम मुलाज़िमीन को ये रियायत दी जानी चाहीए थी ताके मर्द मुलाज़िमीन भी अपने मकानात पहुंच कर घरवालों के साथ इस प्रोग्राम का एहतेमाम करसकें।

सरकारी दफ़ातिर को मुख़्तलिफ़ कामों से रुजू होने वाले अफ़राद को भी मायूसी का सामना है क्युंकि हर दफ़्तर में अवाम को यही जवाब मिल रहा है कि वो अपने मसाइल के लिए दशहरा के बाद रुजू हूँ। अगरचे बतकमां फेस्टिवल 01 अक्टूबर तक होगा लेकिन इस के बाद दशहरा और ईद-उल-अज़हा की तातीलात आरही हैं। कई मुलाज़िमीन और ओहदेदारों ने इन तातीलात को मिलाकर तवील रुख़स्त हासिल करली है।