हुकूमत कोई भी बनाए नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी बच नहीं सकते

उत्तर प्रदेश के वज़ीर नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी अगर आज महकमा होम गार्ड्स में होते तो शायद उन्हें इतनी ज़िल्लत-ओ-रुसवाई का सामना नहीं करना पड़ता जैसा कि उन्हें वज़ीर बन कर सामना करना पड़ रहा है। नई हुकूमत बनने के बाद नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी और उनके कुन्बे पर क़ानूनी शिकंजा और ज़्यादा सख़्त होने के आसार हैं।

अगर मायावती दुबारा इक़्तेदार में आती हैं तो भी नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी और उन ख़ानदान के बदउनवानीयों, बे ईमानियों में फंसने के इमकानात कुछ कम नहीं होंगे, क्योंकि बदउनवानीयों, बेईमानियों की शिकायत करने वाले जगदीश निरावन शुक्ला ने साफ़ कहा है कि वो ये मामला इलहाबाद हाइकोर्ट ले जायेंगे ताकि सी बी आई और इंफ़ोर्समेंट डायरेक्ट्रेट उन के ख़िलाफ़ जांच करे।

जगदीश निरावन शुक्ला सीता पुर के रहने वाले हैं और हिन्दी सहाफ़ी हैं। वो लखनऊ से हिन्दी शाम नामा प्रति दिन निकालते हैं। रियास्ती वज़ीर नसीम उद्दीन सिद्दीक़ी आज भी महकमा होम गार्ड्स के मुलाज़िम हैं।