हुकूमत को थैलासीमिया मरीज़ों की मदद के लिए आगे आने की ज़रूरत

आरोग्य श्री के तहत मुफ़्त ईलाज यह फिर माहाना वज़ाइफ़ की इजराई के लिए इक़दामात का मुतालिबा

हुकूमत थैलासीमिया के मरीज़ों को आरोग्य श्री के तहत ईलाज-ओ-मुआलिजा की सहूलत फ़राहम करे यह फिर थैलासीमिया से मुतास्सिर मरीज़ों के अफ़राद ख़ानदान बिलख़ुसूस वालदैन-ओ-सरपरस्तों को मरीज़ की अदवियात केलिए वज़ाइफ़ के तौर पर रक़ूमात की इजराई का फैसला करें चूँकि थैलासीमिया मुतासरीन की फ़ौरी तौर पर इमदाद किया जाना नागुज़ीर होता जा रहा है और उन मरीज़ों के वालदैन अपने बच्चों को बोझ तसव्वुर करने लगे हैं जबकि थैलासीमिया से मुतास्सिरा मरीज़ भी आम इंसान की तरह बेहतर ज़िन्दगी गुज़ारने के अहल होते हैं लेकिन उन के साथ जो मसाइल होते हैं, उन से निमटने केलिए उन्हें हर माह एक बड़ी रक़म दरकार होती है चूँकि थैलासीमिया के मरीज़ों को हर माह नया ख़ून चढ़ाना पड़ता है और जिस्म का मुकम्मल ख़ून तब्दील करदिया जाता है लेकिन इस के साथ एक मरीज़ केलिए हर माह कम अज़ कम 5 ता 6 हज़ार रुपये अदवियात दरकार होते हैं जोकि हर शख़्स हासिल करने का मुतहम्मिल नहीं होता।

थैलासीमिया से मुतास्सिरा अफ़राद को सिर्फ़ ख़ून की तब्दीली का मसला होता है और वो माबक़ी आज़ाए रईसा-ओ-दीगर माम‌लात में वो पूरी तरह से सेहत मंद होते हैं, इसी लिए उन्हें नज़रअंदाज किया जाना दुरुस्त तो नहीं है बल्कि उन का ईलाज करवाते हुए उन्हें एक बेहतर ज़िन्दगी जीने का मौक़ा फ़राहम किया जा सकता है।

थैलासीमिया के उसे मुतासरीन जो हर माह ख़ून की तबदीली के अख़राजात बर्दाश्त नहीं करसकते, उन केलिए ख़ून का इंतेज़ाम तो होता जा रहा है लेकिन जो अदवियात के अख़राजात उन्हें बर्दाश्त करने पड़ रहे हैं, उन की पा बजाई बतदरीज दुशवार कुन होती जा रही रज़ाकाराना तौर पर ख़िदमात अंजाम देने वाले जनाब अलीम बैग ने बताया कि अगर हुकूमत की जानिब से इस बीमारी को आरोग्य श्री के तहत लाया जाता है तो उसी सूरत में रियासत तेलंगाना के हज़ारों मरीज़ इस से इस्तिफ़ादा करसकते हैं।

उन्होंने बताया कि थैलासीमिया के मुतासरीन को दवाएं इसी तरह ज़रूरी है जिस तरह एक आम इंसान केलिए ग़िज़ा ज़रूरी होती है। जनाब अलीम बैग के बमूजब हर माह ख़ून की तबदीली के बाइस जिस्म में आयरन बढ़ता चला जाता है जिसे रोकने केलिए उन दवाओं का इस्तेमाल ज़रूरी है। उन्होंने हुकूमत से अपील की है कि हुकूमत इस बीमारी के मुतासरीन की फ़ौरी मदद केलिए आगे आते हुए अदवियात के अख़राजात की सरकारी तौर पर पा बजाई का मंसूबा पेश करें ताकि गरीब वालदैन इस से इस्तिफ़ादा करसकते हैं।