हुकूमत गुजरात और हुक़ूक़ जानवर कारकुन पर 50 लाख रुपये जुर्माना

हुकूमत गुजरात और जानवरों के हुक़ूक़ के लिए सरगर्म कारकुन पर सुप्रीम कोर्ट ने पचास लाख रुपये का जुर्माना आइद किया। इन दोनों ने गोश्त के एक कंटेनर को ग़लत अंदाज़ में ज़ब्त करते हुए ये दावा किया था कि इस में ममनूआ गाय का गोश्त बरामद किया जा रहा है ।

जस्टिस अल्तमिश कबीर और जस्टिस एस एस नजर पर मुश्तमिल बंच ने जानवरों के हुक़ूक़ के कारकुन राजेश हस्तीमल शाह और हुकूमत गुजरात को फी कस पचीस लाख रुपय जुर्माना रायल एक्सपोर्टस को अदा करने का हुक्म दिया । इस कंपनी ने दावा किया कि कंटेनर ज़ब्त करने की वजह से उसे तकरीबन एक करोड़ रुपये से ज़ाइद का नुक़्सान हुआ।

सुप्रीम कोर्ट ने फ़ारेंसिक साईंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट की बुनियाद पर आज ये फैसला सुनाया जिसने बताया कि ज़ब्त किए गए गोश्त के नमूने गाय के नहीं बल्कि भैंस के थे। बंच ने गुजरात हाइकोर्ट के हुक्मनामा के ख़िलाफ़ शाह की अपील को मुस्तर्द कर दिया । इसके साथ साथ रियासती पोलीस को हिदायत दी गई कि एक्सपोर्ट फ़र्म का ट्रक वापस कर दिया जाए।

राजेश हस्तीमल शाह ने सुप्रीम कोर्ट से रुजू होते हुए कहा था कि हाइकोर्ट ने गुजरात पुलिस को वो ट्रक वापस करने की हिदायत की है जिस के ज़रीया 25 जनवरी को गाय का गोश्त बरामद किया जा रहा था । इनका ये इस्तेदलाल था कि फ़ारेंसिक़ साईंस लैब , सूरत की रिपोर्ट के मुताबिक़ इसमें गाय और भैंस का गोश्त मिला हुआ था ।

ताहम हाइकोर्ट ने फ़ारेंसिक़ साईंस लेबोरेटरी महाराष्ट्रा की एक और रिपोर्ट की बुनियाद पर ये ट्रक वापस करने का हुक्म दिया था । इस रिपोर्ट में भी कहा गया था कि बरामद किए जाने वाला गोश्त भैंस का है। बादअज़ां सुप्रीम कोर्ट ने फ़ारेंसिक़ साईंस लेबोरेटरी दिल्ली को गोश्त के मुआइना का हुक्म दिया और फिर इस रिपोर्ट की बुनियाद पर हुक़ूक़ जा नूरां कारकुन और हुकूमत गुजरात पर जुर्माना आइद किया। गुजरात पुलिस ने 25 जनवरी को वापी के मुक़ाम पर ये ट्रक ज़ब्त करते हुए ताज़ीरात ए हिंद की मुख़्तलिफ़ दफ़आत के तहत मुक़द्दमा दर्ज किया था ।