ऐस आई टी का आशीर्वाद हासिल , संजीव भट्ट का राघवन को खत
अहमदाबाद । मुअत्तल आई पी एस ओहदेदार संजीव भट्ट ने आज इल्ज़ाम लगाया कि एस आई टी ने अपनी रिपोर्ट में चौकसी के फैक्स पैग़ामात की एहमीयत कम करने की हद से ज़्यादा पुरजोश कोशिशें कीं।
ये पैग़ामात उन्हों ने इस वक़्त रवाना किए थे, जबकि वो 2002 के गुजरात फ़सादात के दौरान रियास्ती इंटलीजन्स ब्यूरो में थे। एस आई टी के प्रमुख आर के राघवन के नाम अपने खत में संजीव भट्ट ने जांचपडताल कार्यलय के इन इन्किशाफ़ात को चैलेंज किया कि 2 फैक्स पैग़ामात जो उन्हों ने 27 और 28 फ़रवरी 2002 को रवाना किए थे, मन घड़त थे।
एस आई टी ने नानावती कमीशन के इजलास पर कहा था कि इन पैग़ामात पर भरोसा नहीं किया जा सकता। इस लिए दोनों को नजरअंदाज़ कर देना चाहीए।
भट्ट ने कहा कि पहला पैग़ाम चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की क़ियामगाह पर इजलास के बाद 27 फ़रवरी 2002 की रात को उन्हों ने अहमदाबाद पुलिस को रवाना किया था और चेतावनी दि थी कि बडे पैमाने पर वे एच पी । बी जे पी कारकुनों को मुतहर्रिक कर दिया गया है।
दूसरा पैग़ाम पुर्व कांग्रेसी पार्लीमेंट सदस्य एहसान जाफरी की ज़िंदगी को ख़तरे के बारे में था जो 28 फ़रवरी 2002 को रवाना किया गया था। संजीव भट्ट ने अपने खत में ऐस आई टी के इल्ज़ामात को रद करते हुए कहा कि महकमा ने जितने भी बहाने पेश किए हैं, तमाम झूटे और अदालत को गुमराह करने वाले हैं।
हुकूमत गुजरात चुन चुन कर इमकानी सबूतों को शामिल दस्तावेज़ात जाये कर रही है और एस एस आई टी का आशीर्वाद हासिल है।