हुकूमत तशकीले तेलंगाना की पाबंद, क़तई वक़्त से गुरेज़

आंध्रा प्रदेश में से तलंगाना की तशकील के ख़िलाफ़ एहतिजाजों के बावजूद हुकूमत ने दावा किया कि वो नई रियासत की तशकील के अमल को आगे बढ़ाएगी लेकिन इस के लिए कोई क़तई वक़्त बताने से इनकार किया।

वज़ीर फाइनैन्स पी चिदम़्बरम ने राज्य सभा में अलील वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंडे की तरफ़ से बयान देते हुए अपोज़िशन के इल्ज़ाम को मुस्तरद कर दिया कि तेलंगाना रियासत की तशकील का फ़ैसला जल्दबाज़ी में किया गया। तशकीते तलंगाना के बारे में मुबाहिस का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हुकूमत तमाम अहम मसाइल जैसे हैदराबाद का मौक़िफ़ ,दरियाओं के पानी की तक़सीम और सेक्युरिटी के पहलूओं का जायज़ा लेगी।
उन्होंने कहा, ‘मैं कोई तारीख़ नहीं बता सकता। ये अमल तरीका-ए-कार और रिवाज की मुताबिक़त में आगे बढ़ाया जाएगा।’
जब अपोज़िशन लीडर अरूण जेटली ने ये सवाल किया कि आया हुकूमत अंदरून और बैरूने रियासत से मुख़ालिफ़त के बावजूद नई रियासत तशकील देने कमरबस्ता है। ताहम उन्हों ने कहा कि ये अमल इतना तवील नहीं होगा जैसे झारखंड और छत्तीसगढ़ की रियासतों की तशकील के लिए हुआ. जिस के लिए तक़रीबन दो साल लगे।

चिदम़्बरम ने कहा कि हर सियासी जमात की राय को मल्हूज़ रखते हुए हुकूमत कोई फ़ैसला करेगी। वो तेलंगाना के बारे में हुकूमत पर अपोज़िशन अरकान की शदीद तन्क़ीदों के बाद बयान दे रहे थे। अपोज़िशन ने हुकूमत को मौरिदे इल्ज़ाम टहराया कि वो चार साल तक हस्सास मसले पर बे अमली का मुज़ाहरा करने के बाद जल्दबाज़ी में फ़ैसला करते हुए सियासी फ़वाइद हासिल करने की कोशिश कररही है। हुकूमत पर इल्ज़ाम किया गया कि वो आमिराना अंदाज़ में काम कररही है और ख़तरनाक खेल खेल रही है। इस तन्क़ीद को मुस्तरद करते हुए चिदम़्बरम ने कहा कि जितना ज़्यादा आप कांग्रेस पार्टी को मौरिदे इल्ज़ाम ठहराएं गे, जितना ज़्यादा आप कांग्रेस पार्टी को तंग करेंगे, कांग्रेस पार्टी उतनी ही ज़्यादा ताक़तवर होती जाएगी। उन्होंने हुकूमत के फ़ैसले की मुख़ालिफ़त करने वालों पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि ये ऐसे मुआमले हैं जिन में सियासत वजूहात और मंतिक़ पर ग़ालिब आती है। अगर आप कुछ करते हैं तब भी आप पर तन्क़ीद होती है, और अगर आप कुछ ना करें तब भी आप मौरदे इल्ज़ाम ठहराएं जाते हैं।

टी डी पी को निशाना बनाते हुए चिदम़्बरम ने कहा कि अगर ये पार्टी कोई फ़ैसला कर लेती है तो ठीक है, लेकिन अगर कांग्रेस पार्टी ऐसा करती है तो उसे आमिराना क़रार दिया जाता है और मज़ीद कहा कि ये वक़्त सियासी जमातों के दाख़िली काम काज पर मुबाहिस का नहीं है। ऐसे इल्ज़ामात पर कि कांग्रेस ने तेलंगाना के बारे में अच्छी तरह तैयारी नहीं की, उन्होंने कहा कि हुकूमत ने ये ज़िम्मेदारी एक ज़िम्मेदार कमेटी को सौंपते हुए अपना काम बख़ूबी अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि श्री कृष्णा कमेटी ने हमें माक़ूल मवाद फ़राहम किया कि कोई जामे फ़ैसला किया जा सके। उन्होंने सेहत, पानी की तक़सीम पर तवज्जे मर्कूज़ की। हैदराबाद के बारे में अलाहिदा बाब है। उन्होंने बी जे पी पर तेलंगाना के बारे में अपना मौक़िफ़ बदलने का इल्ज़ाम आइद किया और 1 अप्रैल 2002 के मकतूब का हवाला दिया जिस में उस वक़्त के वज़ीर-ए-दाख़िला ने बयान दिया था कि पार्टी अलाहिदा रियासत के हक़ में नहीं है। वज़ीर मौसूफ़ ने कहा कि हुकूमत का फ़ैसला तेलंगाना की तशकील के मसले को आगे बढ़ाने का है और साथ ही रियासत और इस के अवाम से मुताल्लिक़ तमाम मसाइल को मल्हूज़ रखा जाएगा।