हुकूमत नक्सलाइटस ज़ेर-ए-असर इलाक़ों में मुवासलाती इनफ़रास्ट्रक्चर की बेहतरी की पाबंद : सिब्बल

नई दिल्ली 1 जून‌ ( पी टी आई )हुकूमत को नक्सलाइटस के साथ मुज़ाकरात नहीं करना चाहीए क्योंकि इनका रवैय्या सरकश ममलकतके मानिंद है । मर्कज़ी वज़ीर मिलिंद देवरा ने आज कहा कि एक जारिहाना और मौज़ूं सयान्ती जवाबी कार्रवाई मावइस्ट कारकुनों के ख़िलाफ़ की जानी चाहीए ।

उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलाइट हमले की मज़म्मत करते हुए कहा कि बाएं बाज़ू की इंतेहापसंदी से मुतास्सिरा इलाक़ों में तरक़्क़ीयाती काम किए जाने चाहीए ताकि मुक़ामी अवाम नक्सलिज़म की बुनियाद परस्त ख़्यालात से मुतास्सिर ना होने पाएं ।

मर्कज़ी वज़ीर-ए-ममलकत बराए मुवासलात ,इत्तलाआती टेक्नालोजी और जहाज़रानी मिलिंद देवरा ने कहा कि हुकूमत के ख़िलाफ़ हथियार उठा लेने वालों से बातचीत नहीं की जा सकती ।

जुनूबी मुंबई के रुकन पार्लियामेंट ने कहा कि मर्कज़ और तमाम रियास्ती हुकूमतों को मुशतर्का तौर पर मुक़ामी आबादी केलिए नक्लसाइटस से मुतास्सिरा इलाक़ों में तरक़्क़ीयाती प्रोजेक्टस पर अमल आवरी की ज़िम्मेदारी क़बूल करना चाहीए ।

उन्होंने कहा कि सियासत को बालाए ताक़ नहीं रखा जा सकता । इन इलाक़ों में काम करना सिर्फ़ सयान्ती तरीक़ा-ए-कार नहीं बल्कि तरक़्क़ी के दीगर वसाइल को भी बाक़ायदा बनाना ज़रूरी है ।

फ़ौज की ताय‌नाती के अलावा नक्सलाइटस ज़ेर-ए-असर इलाक़ों में अवामी फ़लाही काम भी शुरू करना ज़रूरी है । मर्कज़ी वज़ीर-ए-मवासलात कपिल सिब्बल ने कहा कि महिकमा मवासलात नक्सलाइटस ज़ेर-ए-असर इलाक़ों में पहले ही 2199 मोबाईल फ़ोन टावर्स नसब करने की मंज़ूरी दे चुका है और हुकूमत मुवासलाती इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की पाबंद है ।

उन्होंने कहा कि ये तजवीज़ विज़ारत-ए-मवासलात की जानिब से मंज़ूर की जा चुकी है और अब इसे मंज़ूरी केलिए मर्कज़ी काबीना को रवाना किया जाएगा । इस के तहत 3046.12करोड़ रुपय मुवासलाती इन्फ्रास्ट्रक्चर बेहतर बनाने केलिए मुख़तस किए जाऐंगे । उन्होंने इन इलाक़ों में निशानदेही की जहां मोबाईल टेलीफ़ोन की सहूलत मौजूद नहीं है ।