हुकूमत ने कहा, झारखंड में नहीं है सूखा

एसेम्बली में हुकूमत ने कहा है कि झारखंड में सूखाड़ की हालत नहीं है। जो अदाद व शुमार हुकूमत के पास हैं, उसकी बुनियाद पर सूखे का ऐलान नहीं किया जा सकता। वजीरे आला हेमंत सोरेन ने जैसे ही एवान के अंदर बयान दिया, हंगामा शुरू हो गया। इक्तिदार भी वजीरे आला के बयान से मुतफ़फिक नहीं थे। मुखालिफत के दरमियान तय हुआ कि देही तरक़्क़ी वज़ीर केएन त्रिपाठी की कियादत में एमएलए की एक कमेटी बनेगी।

उसकी रिपोर्ट की बुनियाद पर तय होगा कि रियासत में सूखा है या नहीं। इस दरमियान एसेम्बली से तजवीज पास किया गया कि सूखा के मद्देनजर रियासती हुकूमत मरकज़ी हुकूमत से 1600 करोड़ की मदद मांगेगी।

पलामू, चतरा और रामगढ़ में हालत खराब

वजीरे आला ने कहा कि पलामू, चतरा और रामगढ़ में बारिश की हालत अच्छी नहीं है। दीगर जिलों में अच्छी बारिश हुई है। कई जिलों में 80 फीसद तक बारिश हुई है। ऐसे में यह यकीन करने की बात नहीं है कि रियासत में सूखा पड़ा है।

सूखा के जो मियार तय है, उस पर झारखंड खरा नहीं उतरता है। वजीरे आला के इस बयान का हुकूमत के ही वज़ीर केएन त्रिपाठी ने मुखालिफत किया। उन्होंने कहा कि यह अदाद गलत है। पूरे रियासत में सूखाड़ की हालत है। यह अदाद और शुमार पहले के हैं। अब बारिश हो रही, जब धान की रोपाई मुमकिन नहीं है। हुकूमत की हुई फजीहत सूखा पर हुकूमत को एवान के अंदर फजीहत झेलनी पड़ी। इक्तिदार हक़ ने ही उनका मुखालिफत कर दिया। मुखालिफत के बाद हुकूमत को झुकना पड़ा।

उसके बाद हुकूमत एमएलए की कमेटी बनाने का एलान किया। कमेटी में हर पार्टी से एमएलए शामिल किये जायेंगे।